Afghan Delegation Satisfied With The Action Taken In The Case Of Attack On Students In Gujarat University – गुजरात विश्वविद्यालय में छात्रों पर हमले के मामले में अफगान प्रतिनिधिमंडल घटना कार्रवाई से संतुष्ट


गुजरात विश्वविद्यालय में छात्रों पर हमले के मामले में अफगान प्रतिनिधिमंडल घटना कार्रवाई से संतुष्ट

सोलह मार्च की रात लगभग दो दर्जन लोग विश्वविद्यालय के छात्रावास में घुस गए और विदेशी छात्रों से मारपीट की. (फाइल फोटो)

अहमदाबाद:

मुंबई में अफगानिस्तान की महावाणिज्य दूत जकिया वरदक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को यहां गुजरात विश्वविद्यालय का दौरा किया और पिछले सप्ताह विदेशी छात्रों पर हुए हमले के मद्देनजर सुरक्षा उपायों पर विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ बैठक की. सोलह मार्च की रात लगभग दो दर्जन लोग विश्वविद्यालय के छात्रावास में घुस गए और रमजान महीने के दौरान एक स्थान पर नमाज पढ़ने को लेकर विदेशी छात्रों के साथ मारपीट की. पुलिस के अनुसार, इस घटना के बाद श्रीलंका और ताजिकिस्तान के दो छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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कुलपति डॉ. नीरजा गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने घटना के बाद छात्रों की सुरक्षा के लिए विश्वविद्यालय अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदमों पर संतोष व्यक्त किया. गुप्ता ने कहा, ‘‘घटना के बाद यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी. हमने उन्हें बताया कि विश्वविद्यालय ने छात्रों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं. प्रतिनिधिमंडल हमारे द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट था.”

कुलपति से मिलने से पहले, महावाणिज्य दूत वरदक ने स्थिति का जायजा लेने के लिए अपने देश के छात्रों से मुलाकात की. घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय छात्रों को एक नए छात्रावास में स्थानांतरित कर दिया गया है. वरदक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने कुलपति के साथ-साथ अपने छात्रों से भी मुलाकात की.

उन्होंने (छात्रों) मुझे बताया कि सबकुछ ठीक है. चिंता की कोई बात नहीं है. हमारे छात्र पिछले पांच वर्षों से यहां पढ़ रहे हैं और वे यहां सभी के लिए भाई-बहन की तरह हैं. इसलिए हमें ज्यादा कोई चिंता नहीं है.” उन्होंने कहा कि भारत सरकार का व्यवहार बहुत मित्रवत रहा है और अफगान छात्र पिछले 20-25 वर्षों से यहां शिक्षा के लिए आते रहे हैं तथा उन्हें कभी कोई समस्या नहीं हुई.

वरदक ने कहा, ‘‘सभी भारतीय हमारे भाई-बहन हैं और हमें इस मामले को बड़ा नहीं बनाना है तथा इसमें कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं लाना है. हमें कोई बड़ी शिकायत नहीं है. मैंने हमारे छात्रों से कहा कि सबकुछ ठीक है क्योंकि भारत सरकार भी उनकी सुरक्षा का ध्यान रख रही है. मैंने छात्रों से कहा कि यह उनका दूसरा घर है.” हमले के चलते विश्वविद्यालय ने विदेशी छात्रों को एक नए छात्रावास में स्थानांतरित करने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए पूर्व सैनिकों की मदद लेने जैसा कदम उठाया है.

छात्रावास परिसर की सुरक्षा मजबूत करने के लिए पूर्व सैन्यकर्मियों की तैनाती के साथ ही एक विदेशी छात्र सलाहकार समिति की स्थापना भी की गई है. इससे पहले 19 मार्च को अफ्रीकी देश गाम्बिया के एक प्रतिनिधिमंडल ने यहां गुजरात विश्वविद्यालय परिसर का दौरा किया था और इसी मुद्दे पर गुप्ता के साथ बैठक की थी. घटना के संबंध में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है और विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

 



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