After Basant Panchami, a huge dance takes place here where wrestlers test their skills
Agency:News18 Rajasthan
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Wrestling Match: भरतपुर के रूपबास कस्बे में आयोजित बसंत पशु मेला में कुश्ती दंगल मुख्य आकर्षण रहा. भारत केसरी हरकेश ने सागर सोनीपत को हराकर 61 हजार रुपये जीते. इस कुश्ती के मुकाबले में महिला पहलवानों ने भी बढ़ …और पढ़ें
पहलवान दिखाते हैं अपने-अपने जोर आजमाइश
हाइलाइट्स
- भरतपुर के रूपबास बसंत पशु मेला में मुख्य आकर्षण रहा कुश्ती-दंगल
- भारत केसरी हरकेश ने सागर सोनीपत को हराकर जीते 61 हजार रुपये
- महिला पहलवानों ने भी दंगल में लिया हिस्सा और किया शानदार प्रदर्शन
भरतपुर. भरतपुर जिले के रूपबास कस्बे में आयोजित बसंत पशु मेला न केवल व्यापार और मनोरंजन का केंद्र बना, बल्कि विशाल कुश्ती दंगल ने भी लोगों का दिल जीत लिया. दूर-दूर से आए पहलवानों के बीच हुए जोरदार मुकाबलों ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया. आखिरी कुश्ती में भारत केसरी हरकेश हाथरस ने सागर सोनीपत को हराकर जीत दर्ज की.
बसंत पशु मेला में मुख्य आकर्षण बना कुश्ती दंगल
हर साल की तरह इस बार भी नगरपालिका के तत्वाधान में आयोजित बसंत पशु मेला में कुश्ती दंगल मुख्य आकर्षण बना. दंगल की शुरुआत छोटी रकम से हुई, 20 रुपये से शुरू हुआ मुकाबले में धीरे-धीरे दांव बढ़ते गया. जैसे-जैसे प्रतियोगिता आगे बढ़ी, कुश्ती के दांव 50 रुपये, 100 रुपये से होते हुए 61 हजार रुपये तक पहुंच गए. इस दौरान अलग-अलग राज्यों से आए पहलवानों ने अपने दमखम और कुश्ती के हुनर का शानदार प्रदर्शन किया.
61 हजार रुपये के लिए लगा कुश्ती का आखिरी दांव
इस बार की आखिरी कुश्ती 61 हजार रुपये की थी, जिसमें हाथरस के भारत केसरी हरकेश और पानीपत के सागर आमने-सामने थे. दोनों के बीच जबरदस्त मुकाबला हुआ, लेकिन महज 9 मिनट में हरकेश ने सागर को पटखनी देकर अपनी जीत दर्ज की. यह जीत उनके लिए खास थी क्योंकि यह चौथी बार था जब उन्होंने रूपबास के दंगल में अंतिम कुश्ती अपने नाम की.
महिला पहलवानों ने भी बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा
इस दंगल की खास बात यह रही कि इसमें महिला पहलवानों ने भी भाग लिया. गामिनी चाहर बाटी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 5100 रुपये की विशेष कुश्ती अपने नाम की. दर्शकों ने उनके प्रदर्शन को खूब सराहा, जिससे यह साफ हुआ कि महिला पहलवान भी इस परंपरागत खेल में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही हैं. कुश्ती दंगल देखने के लिए हजारों की संख्या में ग्रामीण और खेल प्रेमी इकट्ठा हुए. जैसे-जैसे मुकाबले रोमांचक होते गए, भीड़ का उत्साह भी बढ़ता गया. कुश्ती के प्रति इस जोश और जुनून को संभालने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी.
पहलवानों को नकद इनाम राशि के साथ किया गया सम्मानित
नगर पालिका द्वारा सभी विजेता पहलवानों को नकद इनाम और सम्मानित किया गया. आखिरी कुश्ती के विजेता हरकेश को 61 हजार रुपये की नगद राशि के साथ साफा पहनाकर सम्मानित किया गया. रूपबास के इस ऐतिहासिक दंगल ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कुश्ती सिर्फ खेल नहीं, बल्कि परंपरा और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है.
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February 05, 2025, 23:36 IST