After Cyclone Biparjoy Gujarat Now Faces Several Immediate Challenges – चक्रवात बिपरजॉय गुजर गया तबाही के निशान छोड़ गया, गुजरात के सामने अब ये चुनौतियां
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चक्रवात बिपरजॉय के राज्य में दस्तक देने के बाद 4,600 से अधिक गांवों की बिजली गुल हो गई
नई दिल्ली:
गुजरात के तटीय क्षेत्रों में गुरुवार शाम को टकराने वाला वाला चक्रवात बिपरजॉय अब कमजोर हो गया है. अगले 12 घंटों में इसके और कमजोर होने की संभावना है. बिपरजॉय गुजरात के बाद अब राजस्थान में प्रवेश कर गया है. इसकी वजह से बृहस्पतिवार रात से ही राजस्थान के कई इलाकों में बारिश हो रही है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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मौसम विभाग ने बताया, “डीप डिप्रेशन (चक्रवाती तूफान बिपरजोय का अवशेष) आज, 17 जून, 2023 को 0530 घंटे IST पर केंद्रित है, जो दक्षिण पश्चिम राजस्थान से सटे गुजरात और दक्षिण पूर्व पाकिस्तान में धोलावीरा से लगभग 130 किमी उत्तर पूर्व में, डीसा से 120 किमी पश्चिम उत्तर पश्चिम में और 110 किमी दक्षिण में है. आईएमडी ने एक बयान में कहा कि चक्रवात बाड़मेर के दक्षिण-पश्चिम में है”.
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तूफान ने 5,120 बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त होने के साथ राज्य बिजली कंपनी को व्यापक वित्तीय नुकसान पहुंचाया है. गुजरात सरकार अब गांवों में बिजली बहाल करने और सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाने की तत्काल चुनौती का सामना कर रही है.
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चक्रवात बिपरजॉय के राज्य में दस्तक देने के बाद 4,600 से अधिक गांवों की बिजली गुल हो गई थी. इस दौरान हजारों बिजली के खंभे उखाड़ दिए थे. गनीमत ये रही कि बिजली विभाग ने पहले से ही उचित कदम उठा लिये थे.
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गुजरात के कई इलाकों में गुरुवार को तेज हवाओं के कारण पेड़ उखड़ गए और सड़कें अवरुद्ध हो गईं. काफी संख्या में संपत्ति को नुकसान पहुंचा. 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के कारण भी कुछ इलाकों में बिजली गुल हो गई.
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बिपरजॉय भले ही गुजरात से गुजर गया है, लेकिन राज्य की मुश्किलें अभी नहीं थमी हैं. आईएमडी ने चेतावनी दी है कि उत्तर गुजरात को भारी वर्षा के लिए तैयार रहना चाहिए, भले ही चक्रवात लैंडफॉल बनाने के बाद कमजोर हो गया हो.
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गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि चक्रवात के कारण राज्य में कोई जनहानि नहीं हुई है. ऐसा इसलिए संभव हो पाया, क्योंकि चक्रवात से निपटने के लिए पहले ही तैयारियां कर ली गई थीं.
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कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, मोरबी, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, राजकोट और पोरबंदर में बिजली बहाल करने के लिए 1,100 से अधिक टीमें काम कर रही हैं. वन विभाग ने सड़कों पर गिरे 581 पेड़ों को भी हटाया है.
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एनडीआरएफ की छह टीमों ने गुरुवार को रूपेन बंदर सरकारी प्राथमिक विद्यालय से 127 लोगों को निकाला और उन्हें एनडीएच स्कूल द्वारका ले जाया गया. सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए लोगों में 82 पुरुष, 27 महिलाएं और 15 बच्चे शामिल हैं.
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पश्चिम रेलवे ने चक्रवात संभावित क्षेत्रों में एहतियात के तौर पर कुछ और ट्रेनों को रद्द करने और कुछ अन्य ट्रेनों के परिचालन को आंशिक रूप से रद्द करने का फैसला किया है.
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मुख्यमंत्री पटेल ने चक्रवात बिपरजॉय से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए शुक्रवार को गांधीनगर में राज्य आपात संचालन केंद्र में एक बैठक की अध्यक्षता की. मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों के जिलाधिकारियों को अपने जिलों में नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण करने के आदेश दिए.
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