After Election Result Narendra Modi Will No Longer Be PM, CM Kejriwal Big Claim – Explainer: फिर PM नहीं रहेंगे नरेंद्र मोदी, CM केजरीवाल इस बयान से कौन सा नैरेटिव कर रहे हैं सेट, यहां समझें



b2qq5q7o arvind After Election Result Narendra Modi Will No Longer Be PM, CM Kejriwal Big Claim - Explainer: फिर PM नहीं रहेंगे नरेंद्र मोदी, CM केजरीवाल इस बयान से कौन सा नैरेटिव कर रहे हैं सेट, यहां समझें

अरविंद केजरीवाल ने वैसे तो प्रधानमंत्री और बीजेपी पर खूब हमले किए लेकिन एक बात उन्होंने ऐसी कह दी जिसपर BJP को भी जवाब देना पड़ गया. अरविंद केजरीवाल ने कल कहा था कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले साल सितंबर में 75 साल के हो जाएंगे. 2014 में नरेंद्र मोदी जी ने ही यह नियम बनाया था कि 75 साल के ऊपर के लोगों को रिटायर किया जाएगा. इसी के तहत लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा और सुमित्रा महाजन जैसे नेताओं को रिटायर किया गया. पीएम मोदी जी अगले साल 17 सितंबर को 75 साल के हो जाएंगे. उसके बाद अमित शाह प्रधानमंत्री बनेंगे”.

“नरेंद्र मोदी जी ही प्रधानमंत्री रहेंगे”: अमित शाह

अरविंद केजरीवाल के इस बयान से बीजेपी असहज होती नजर आई. खुद केंद्रीय गृहमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह ने आकर स्पष्ट किया और कहा कि बीजेपी के संविधान में ऐसा कुछ नहीं है और नरेंद्र मोदी जी ही प्रधानमंत्री रहेंगे. बेशक अमित शाह ने बीजेपी की ओर से स्पष्ट किया है लेकिन अरविंद केजरीवाल के इस बयान के कई मायने हैं, आए जानते हैं-

1. आज के समय में ‘मोदी’ BJP से भी बड़ा नाम है. बेशक बीजेपी का अपना परंपरिक वोटर भी है. लेकिन एक बहुत बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जो मोदी के नाम पर बीजेपी को वोट देते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे वर्ग, समाज, जातियों आदि में BJP की पैठ बनाई है, जो हमेशा से बीजेपी से दूर हुआ करते थे. केजरीवाल ने उन वोटर्स को साधने की कोशिश की है.

2. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद बीजेपी पर अपना संपूर्ण वर्चस्व स्थापित किया. इसके बाद पार्टी में बड़े से बड़े निर्णय तुरंत होते हुए दिखाई दिए. कुछ ऐसे निर्णय भी हुए जो किसी भी पॉलीटिकल पार्टी में अगर लिए जाएंगे तो असंतोष या विरोध के स्वर उठना लाजिमी है. उदाहरण के तौर पर काफी समय से चले आ रहे मुख्यमंत्री बदल दिए गए.  ऐसे नाम भी मुख्यमंत्री की रेस से बाहर कर दिए गए जिनके बारे में माना जाता था कि पूरे राज्य में अगर बीजेपी का कोई सबसे बड़ा चेहरा है तो सिर्फ वही है. जैसे राजस्थान में वसुंधरा राजे का ध्वज सबसे ऊंचा माना जाता था. लेकिन पहली बार विधायक बनकर आए भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बना दिया गया. मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान बड़ी जीत होने के बावजूद भी मुख्यमंत्री के पद से हटा दिए गए. अरविंद केजरीवाल ने इनका मुद्दा उठाकर बीजेपी के अंदर शांत पड़े विरोध या असंतोष के स्वर को हवा देने की कोशिश की है.


3. अरविंद केजरीवाल ने यह मुद्दा उठाकर एक तीर से कई शिकार करने की कोशिश की है. क्योंकि अमित शाह की तरफ से औपचारिक रूप से यह कहा जाता रहा की 75 वर्ष से ऊपर के लोगों को पार्टी ने कोई जिम्मेदारी न देने का फैसला किया है. ऐसे में केजरीवाल ने भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच इस चर्चा को जन्म देने का काम किया है कि जो नियम या कायदे दूसरे नेताओं के लिए बनाए गए थे, क्या प्रधानमंत्री पद के लिए भी वह कायदे लागू होंगे या नहीं?

4. केजरीवाल ने आम जनता के बीच भी एक चर्चा शुरू करने की कोशिश की है कि क्या वाकई नरेंद्र मोदी 75 वर्ष के होने के बाद प्रधानमंत्री के पद से हट जाएंगे? अगर जनता में यह मैसेज जाता है तो फिर क्या वाकई जनता बीजेपी को उसी शिद्दत के साथ वोट करेगी या नहीं? या अगर इसको लेकर एक भ्रम की स्थिति भी उत्पन्न होती है तो बीजेपी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है

5. अरविंद केजरीवाल को जब गिरफ्तार किया तो आम आदमी पार्टी ने जेल का जवाब वोट से कैंपेन की शुरुआत की. लेकिन अब जब खुद अरविंद केजरीवाल ही बाहर आ गए हैं, तो लगातार यह सवाल उठ रहे थे कि क्या अब भी जेल का जवाब वोट से अभियान चलाया जाएगा या केजरीवाल कुछ नई रणनीति या नया नैरेटिव लेकर आएंगे? तो यह अरविंद केजरीवाल का इन चुनावों के लिए नया नॉरेटिव है.

इसके जरिए अरविंद केजरीवाल कहना चाह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट डालने वाले लोग एक बार दोबारा सोच ले. क्योंकि आप अभी तो वोट नरेंद्र मोदी के नाम पर डाल रहे हैं. लेकिन संभव है कि अगले वर्ष 75 वर्ष के होने के बाद वह रिटायर हो जाएं.

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