After Rumor Of Kamal Nath And His Son Joining BJP, Congress Gave Lok Sabha Ticket To Nakul Nath – कमलनाथ और उनके बेटे के BJP में जाने की अफवाह के बाद नकुलनाथ को मिला कांग्रेस से टिकट

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p2ceo2e kamal nath nakul nath After Rumor Of Kamal Nath And His Son Joining BJP, Congress Gave Lok Sabha Ticket To Nakul Nath - कमलनाथ और उनके बेटे के BJP में जाने की अफवाह के बाद नकुलनाथ को मिला कांग्रेस से टिकट

कांग्रेस ने इन खबरों का खंडन किया था कि कमलनाथ पार्टी छोड़ देंगे. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1979 में चुनाव प्रचार के दौरान कमलनाथ को अपना “तीसरा बेटा” कहा था. कुछ दिनों बाद कमलनाथ ने भी प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी में जाने की खबरों से इनकार किया था. उन्होंने कहा, “क्या आपने ये बात मेरे मुंह से सुनी है?”

नकुलनाथ ने भी इसका जोरदार खंडन करते हुए कहा, “…न तो कमलनाथ और न ही नकुल नाथ बीजेपी में शामिल होंगे.”

छिंदवाड़ा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ है और राज्य में कांग्रेस द्वारा जीती गई एकमात्र लोकसभा सीट है. भाजपा ने 2019 में मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर जीत हासिल की थी. ​​इस बार बीजेपी ने सभी 29 सीटें पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा है.

हालांकि, अपने पिता के बजाय इस सीट से खुद चुनाव लड़ने के नकुल नाथ की पसंद ने कुछ लोगों की भौंहें चढ़ा दी हैं. खासकर तब जब पूर्व मुख्यमंत्री ने 24 घंटे पहले ही जोर देकर कहा था कि वो छिंदवाड़ा सीट नहीं छोड़ेंगे. ऐसी भी चर्चा थी कि कमलनाथ जबलपुर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.

जबलपुर भाजपा का गढ़ है. 1996 के चुनाव से ही इस पर बीजेपी का कब्जा है और मौजूदा सांसद राकेश सिंह यहां से लगातार पांचवीं जीत की तलाश में हैं.

1996 में कमलनाथ की पत्नी अलका नाथ की जीत से लेकर कांग्रेस की तरफ से नाथ परिवार ने छिंदवाड़ा में अब तक 11 बार जीत हासिल की है. वास्तव में, पार्टी केवल एक बार ये सीट भाजपा से हारी है. 1997 के उपचुनाव में सुंदर लाल पटवा ने यहां से जीत हासिल की थी.

राजस्थान में वैभव गहलोत

भाजपा लगातार कांग्रेस पर ‘वंशवाद’ को लेकर हमला करती रही है. हालांकि कांग्रेस ने इस बार एक और दिग्गज नेता के बेटे को लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत के बेटे वैभव गेहलोत को जालौर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ाया जाएगा. ये पिछले चार चुनावों से भाजपा का गढ़ रहा है. मौजूदा सांसद देवजी पटेल यहां से लगातार तीन चुनाव जीत चुके हैं.

वैभव गहलोत से पिछले साल कथित विदेशी मुद्रा उल्लंघन के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय ने नौ घंटे तक पूछताछ की थी. गहलोत की पूछताछ राजस्थान विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले हुई थी, जिसमें तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि वैभव गहलोत ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा, “न तो मेरे परिवार और न ही मेरा फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) या विदेशी लेनदेन से कोई संबंध है.”

आरोपों को खारिज करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि वैभव का कोई विदेशी मुद्रा लेनदेन नहीं था. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था, ”वैभव गहलोत की सिर्फ एक टैक्सी कंपनी है.”

इस बीच, कांग्रेस ने अपनी 43 सीटों की दूसरी सूची में गौरव गोगोई का भी नाम शामिल किया है, जो लोकसभा में पार्टी के उपनेता हैं. गोगोई जोरहाट सीट से चुनाव लड़ेंगे. 2014 और 2019 में उन्हें कांग्रेस के गढ़ कलियाबोर सीट से मैदान में उतारा गया था और उन्होंने जीत हासिल की थी.

आजादी से लेकर 2009 लोकसभा चुनाव तक जोरहाट भी कांग्रेस की सीट थी. लेकिन 2014 में कामाख्या प्रसाद तासा और 2019 में टोपोन कुमार गोगोई ने यहां से जीत हासिल की थी.

कांग्रेस इंडिया गठबंधन में सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे पर समझौता करने की लगातार कोशिश कर रही है. उसने अभी तक अधिकांश सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, जिन पर वो संभवतः चुनाव लड़ेगी.

इसमें राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश की 17 सीटें शामिल हैं, जहां प्रियंका गांधी वाड्रा के अपनी मां सोनिया गांधी द्वारा खाली की गई रायबरेली सीट से चुनावी शुरुआत करने की उम्मीद है. उम्मीद है कि राहुल गांधी परिवार के दूसरे यूपी गढ़- अमेठी से चुनाव लड़ेंगे. केरल के वायनाड सीट से उनकी उम्मीदवारी की पहले ही घोषणा हो चुकी है.

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