After The Landing Of Chandrayaan-3 The Lander Clicked The First Picture Of The Moon
चंद्रयान 3 मिशन के तहत भेजे गए विक्रम लैंडर ने चांद की सतह पर कामयाबी के साथ उतरकर इतिहास रच दिया है. ISRO ने चांद पर विक्रम लैंडर की लैंडिंग के बाद की पहली तस्वीर जारी की.
लैंडर विक्रम ने पावर डिसेंट के दौरान चंद्रमा की सतह की कई तस्वीरें खींची. तस्वीरों में लैंडिंग साइट का एक हिस्सा, लैंडर का धातु वाला पैर और उसकी परछाई दिखाई दे रही है.
भारत के सफल मून मिशन से जुड़े ताजा अपडेट्स
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भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतर गया है. सफल चंद्रमा मिशन ने भारत को अमेरिका, चीन और तत्कालीन सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बना दिया है.
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चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत पहला देश बना. अब लैंडर विक्रम ने पावर डिसेंट के दौरान चंद्रमा की सतह की कई तस्वीरें खींची. तस्वीरों में लैंडिंग साइट का एक हिस्सा, लैंडर का धातु वाला पैर और उसकी परछाई दिखाई दे रही है.
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ISRO ने चांद पर विक्रम लैंडर की लैंडिंग के बाद की पहली तस्वीर जारी की. इमेज लैंडिंग कैमरा ने ये तस्वीर ली और इसे इसरो ने जारी किया. विक्रम ने जो पहली तस्वीर भेजी है वो आपके सामने स्क्रीन पर है. इसे विक्रम लैंडर ने चांद पर उतरते वक़्त खींचा. इनमें चांद की वो उबड़ खाबड़ सतह दिख रही है. जिस पर विक्रम लैंडर लैंडर कामयाबी के साथ उतर गया.
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सफल लैंडिंग के कुछ घंटों बाद रोवर प्रज्ञान लैंडर से बाहर निकल गया. भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास यान उतारने वाला पहला देश बन गया, जो देश और दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक जीत थी. मानवरहित चंद्रयान-3 शाम 6:04 बजे उतरा, जब मिशन से जुड़े तकनीशियनों ने जोरदार खुशी मनाई और अपने सहयोगियों को गले लगाया.
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विक्रम लैंडर से ही प्रज्ञान रोवर बाहर निकला जो अगले 14 दिन तक चांद पर चलेगा. ये रोवर चांद की सतह का वैज्ञानिक विश्लेषण करेगा.
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लाइव प्रसारण पर मिशन की सफलता को एक विजय बताया. दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स राजनयिक शिखर सम्मेलन के मौके पर पीएम मोदी ने कहा, “इस खुशी के मौके पर मैं दुनिया के लोगों को संबोधित करना चाहूंगा.” उन्होंने कहा, “भारत का सफल चंद्रमा मिशन सिर्फ भारत का ही नहीं है बल्कि यह सफलता पूरी मानवता की है.”
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लैंडर विक्रम पिछले सप्ताह अपने मॉड्यूल से अलग हो गया था और 5 अगस्त को चंद्र कक्षा में प्रवेश करने के बाद से चंद्रमा की सतह की तस्वीरें भेज रहा है. अब जब विक्रम उतर गया है, तो सौर ऊर्जा से संचालित रोवर प्रज्ञान सतह का पता लगाएगा और पृथ्वी पर डेटा जुटाएगा.
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भारत अमेरिका और रूस जैसी वैश्विक अंतरिक्ष शक्तियों द्वारा निर्धारित मील के पत्थर को पार कर रहा है, अपने कई मिशनों को बहुत कम कीमत पर संचालित कर रहा है.
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से जुड़े सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि रोवर ‘प्रज्ञान’ लैंडर ‘विक्रम’ से बाहर निकल आया है और यह अब यह चंद्रमा की सतह पर घूमेगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘विक्रम’ लैंडर से रोवर ‘प्रज्ञान’ के सफलता पूर्वक बाहर आने पर इसरो की टीम को बधाई दी.
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उन्होंने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘मैं ‘विक्रम’ लैंडर से रोवर ‘प्रज्ञान’ के सफलता पूर्वक बाहर आने पर एक बार फिर इसरो की टीम और देशवासियों को बधाई देती हूं. विक्रम की लैंडिंग के कुछ घंटों बाद इसका बाहर आना चंद्रयान 3 के एक और चरण की सफलता को दर्शाता है.”