इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) : NET और JRF अभ्यर्थियों की भरमार, कैसे हो शोध

इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) :

रोजगारपरक शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के मौजूदा दौर में शोध के प्रति आम छात्रों का आकर्षण कम हुआ है लेकिन इलाहाबाद विश्वविद्यालय की बात ही निराली है। यहां शोध के आवेदकों की संख्या कुछ और कहानी बयां कर रही है। विश्वविद्यालय एवं संघटक कॉलेजों में पीएचडी में दाखिला लेने के लिए नेट – जेआरएफ अभ्यर्थियों की भरमार है। ऐसे में दूसरे छात्रों के लिए शोध में दाखिला पाना बड़ी चुनौती से कम नहीं।

शैक्षिक सत्र 2020-21 में इविवि एवं इसके संघटक कॉलेजों में 625 सीटों के सापेक्ष पीएचडी में प्रवेश लिए जाने हैं। मौजूदा सत्र की बात करें तो 7200 छात्रों ने आवेदन किया और लगभग 63 फीसदी छात्रों ने 17 जनवरी को संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा दी। पीएचडी की तय सीटों के सापेक्ष लगभग 1200 जेआरएफ अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है जो सीधे लेवल टू यानी इंटरव्यू में शामिल होंगे।

इविवि के विभिन्न विषयों में शोध के लिए उपलब्ध सीटों की संख्या से दोगुने जेआरएफ अभ्यर्थी हैं। जाहिर है जेआरएफ के अभ्यर्थियों को शोध में प्रवेश मिल पाना ही दूर की कौड़ी साबित होगा। ऐसे में क्रेट में शामिल अभ्यर्थियों को दाखिला मिल पाना तो नामुमकिन होगा। उल्लेखनीय है कि शोध के लिए उपलब्ध सीटों की संख्या के सापेक्ष नौ गुना छात्रों ने क्रेट लेबल-वन यानी लिखित परीक्षा दी है।

203 सीटों पर प्रवेश 
मौजूदा सत्र के लिए कुल 625 सीटों पर शोध में दाखिला होगा। इसमें इविवि के विभिन्न विषयों के सापेक्ष 203 सीटों पर प्रवेश होगा। जबकि 422 सीटों पर इविवि के संघटक कॉलेजों में अलग-अलग विषयों में प्रवेश होगा। 

डॉ. जया कपूर (पीआरओ, इविवि) ने कहा, इंटरव्यू के बाद मेरिट में जो छात्र आएंगे उन्हीं को पीएचडी में प्रवेश मिलेगा। यह संभव नहीं है कि सभी जेआरएफ अभ्यर्थियों को प्रवेश मिल सके। क्योंकि तय सीटों के सापेक्ष प्रवेश मेरिट के आधार पर लिया जाएगा।

इविवि
– दाखिले के लिए रिक्त सीटों से दोगुने जेआरएफ अभ्यर्थी
– संयुक्त शोध परीक्षा में शामिल अन्य छात्रों का प्रवेश मुश्किल

हिन्दी में सर्वाधिक जेआरएफ अभ्यर्थी 
हिन्दी विषय से शोध करने के लिए नेट-जेआरएफ अभ्यर्थियों की संख्या ज्यादा है। 19 सीटों के सापेक्ष 120 जेआरएफ अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।  

x