America will occupy Gaza like Afghanistan Donald Trump statement know what the rule says about occupying another country


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब एक ऐसी बात कही है, जिसने दुनियाभर में खलबली मचा दी है. जी हां, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका गाजा को अपने कंट्रोल में ले लेगा. इस दौरान उनके साथ इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू मौजूद थे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोई भी देश दूसरे मुल्क पर कब्जा कैसे करता है, आज हम आपको उसके बारे में बताएंगे.

गाजा को लेकर ट्रंप का बयान

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को लेकर अपने मन की बात कही है. उन्होंने कहा कि अमेरिका गाजा को अपने कंट्रोल में ले लेगा. बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ‘अमेरिका गाजा पट्टी को अपने नियंत्रण में ले लेगा और हम वहां काम भी करेंगे. उन्होंने कहा कि साइट पर मौजूद सभी खतरनाक बिना फटे बमों और अन्य हथियारों को नष्ट करने, साइट को समतल करने और नष्ट इमारतों से छुटकारा पाने की जिम्मेदारी लेंगे. इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि गाजा में फिलिस्तीनियों का कोई स्थायी भविष्य है. इसके अलावा उन्होंने साफ कहा था कि अमेरिका ईरान को भी नहीं छोड़ेगा. ट्रंप के मुताबिक अगर ईरान उनके ऊपर हमला करता है, तो अमेरिका उसे तबाह कर देगा. 

अमेरिका का अफगानिस्तान पर कब्जा

अमेरिका ने तालिबान को सत्ता से बाहर करने के लिए अक्टूबर 2001 में अफ़ग़ानिस्तान पर आक्रमण किया था. उस दौरान अमेरिका का आरोप था कि अफ़ग़ानिस्तान ओसामा बिन लादेन और अल-क़ायदा से जुड़े दूसरे लोगों को पनाह दे रहा है. अमेरिका इन आतंकियों को ही सितंबर 2001 अमेरिका पर हुए  हमले के लिए ज़िम्मेदार मानता है. यही कारण है कि अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान से लड़ने के लिए अरबों डॉलर ख़र्च किये थे और बड़ी संख्या में सैनिक भेजे थे. अमेरिका ने  कब्जा करने के बाद अफ़ग़ानिस्तान में पुनर्निर्माण पर भी भारी ख़र्च किया था.

इन अरब देशों ने की आलोचना

बता दें कि मिस्र, जॉर्डन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, फिलिस्तीनी प्राधिकरण और अरब लीग ने साझा बयान में डोनाल्ड ट्रंप के इस योजना की आलोचना की है. अरब देशों ने कहा है कि इस तरह की योजना क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा पैदा करेगी.

क्या कहता है कानून?

 अब सवाल ये है कि इस तरह के कब्जों को लेकर कानून क्या कहता है. अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक किसी आबादी को जबरन कहीं और भेजना प्रतिबंधित है. अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के कानून के मुताबिक संघर्ष से संबंधित कारणों से नागरिक आबादी को विस्थापित करने का आदेश देना, जब तक कि इसमें शामिल नागरिकों की सुरक्षा या अनिवार्य सैन्य कारणों की मांग ना हो बलपूर्वक विस्थापन माना जाता है. 

 रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति ने भी नागरिकों को ‘जबरन स्थानांतरित’ करने के आदेश को गैरकानूनी बताया है. अब आप सोच रहे होंगे कि अफगानिस्तान पर कब्जा कैसे हुआ था. जब अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया था, उस समय तालिबान आतंकियों को पनाह दे रहा था,  अमेरिका के खिलाफ भी साजिश रच रहा था. इसके अलावा अमेरिका सितंबर 2001 के हमले के लिए भी अफगानिस्तान को जिम्मेदार मानता था. इसलिए अमेरिका ने हमला किया था. बता दें कि इसके अलावा कोई भी देश किसी भी स्थिति में अमेरिका समेत किसी भी देश से सैन्य मदद मांग सकता है.

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