Amidst Conflict In The World In The Year 2023 India Emphasizes On Improving Dialogue Diplomacy, Multilateralism – वर्ष 2023 में दुनिया में संघर्ष के बीच भारत ने वार्ता, कूटनीति, बहुपक्षवाद में सुधार पर जोर दिया
जी20 की अध्यक्षता की
वर्ष 2023 में दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बनने वाला भारत ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज बनकर उभरा है और इसने वर्षभर जी20 की अध्यक्षता की. जी-20 दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों का संगठन है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस ओर इंगित किया था कि ऐसे समय में जब विश्व तीव्र पूर्व-पश्चिम ध्रुवीकरण और गहरे उत्तर-दक्षिण विभाजन को देख रहा था तब भारत ने जी20 के विषयगत संदेश को ‘एक पृथ्वी, एक कुटुम्ब, एक भविष्य’ को संयुक्त राष्ट्र सहित वैश्विक मंच से बुलंद किया.
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के विशाल नॉर्थ लॉन में ऐतिहासिक योग सत्र का नेतृत्व करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘आइए हम ‘एक पृथ्वी, एक कुटुम्ब, एक भविष्य’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए एक साथ हाथ मिलाएं.” पीएम मोदी ने 9 साल पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव दिया था.
‘विवादों के प्रभाव से तनाव बढ़ गया है’
यूएनजीए के प्रतिष्ठित व्याख्यान में ‘भारत का नमस्ते’ के साथ वैश्विक नेताओं का अभिवादन करते हुए जयशंकर ने कहा कि दुनिया उथल-पुथल का एक असाधारण दौर देख रही है और कोविड-19 महामारी के प्रभाव तथा जारी संघर्षों, तनातनी और विवादों के प्रभाव से तनाव बढ़ गया है.
‘कूटनीति और वार्ता’ ही एकमात्र प्रभावी समाधान है
जयशंकर ने वैश्विक नेताओं से कहा, ‘‘दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन ने पुष्टि की कि ‘कूटनीति और वार्ता’ ही एकमात्र प्रभावी समाधान है. अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में विविधता है और यदि हम मतभेदों को दूर नहीं कर सके तो विविधिताओं का जरूर ध्यान रखना चाहिए. वे दिन अब चले गए जब कुछ राष्ट्र एजेंडा निर्धारित करते थे और दूसरों से उसके अनुरूप चलने की की अपेक्षा करते थे.”
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने उच्चस्तरीय यूएनजीए सत्र में विश्व नेताओं से कहा कि सुरक्षा परिषद 1945 की राजनीतिक और आर्थिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करती है और इसके समस्या हल करने के बजाय समस्या का हिस्सा बनने का जोखिम है.
वैश्विक संकट के समय कार्रवाई करने में सुरक्षा परिषद की विफलता यूक्रेन संघर्ष के दौरान और फिर हमास द्वारा इजराइल पर सात अक्टूबर को किए गए आतंकवादी हमलों के बाद स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर हुई.
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष निकाय की वर्तमान संरचना की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि क्या 1945 की सुरक्षा व्यवस्था वर्ष 2023 में काम करेगी.
कंबोज ने कहा, ‘‘यदि ‘ट्रिलियन डॉलर’ का सवाल शांति सुनिश्चित करना है, तो क्या हमारे पास वर्तमान समय और समकालीन वास्तविकताओं का प्रतिनिधित्व करने वाला शांति सुनिश्चित करने का बुनियादी ढांचा है?”
ये भी पढ़ें- तहरीक-ए-हुर्रियत को सरकार ने किया प्रतिबंधित, जम्मू-कश्मीर में इस्लामिक शासन लागू करने की साजिश का आरोप
ये भी पढ़ें- “भारत अब रुकने वाला नहीं…”: PM मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम की प्रमुख बातें
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)