Amravati Lok Sabha Seat: BJP Hopes To Improve Its Fortunes Through Former Actress Navneet Kaur-Rana – अमरावती लोकसभा सीट : भाजपा को पूर्व अभिनेत्री नवनीत कौर राणा के जरिए किस्मत खुलने की उम्मीद
अमरावती (महाराष्ट्र):
हरा-भरा लेकिन गर्म और शुष्क अमरावती (एससी) निर्वाचन क्षेत्र महाराष्ट्र के उन कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है, जहां 1952 से देश के शीर्ष पद पर आसीन होने वाली पहली महिला प्रतिभा पाटिल (1991) सहित चार बार महिलाएं लोकसभा के लिए चुनी गईं. परंपरागत रूप से कांग्रेस का गढ़ रही इस सीट पर पार्टी को दस बार जीत मिली. पांच बार अविभाजित शिवसेना के उम्मीदवार जीते. एक-एक बार आरपीआई, सीपीआई और निर्दलीय उम्मीदवार ने भी यहां से परचम फहराया, लेकिन भारतीय जनता पार्टी को अब तक यहां से जीत नसीब नहीं हुई.
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राणा ने 2019 में अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और अन्य दलों के समर्थन से निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए विजय प्राप्त की थी. उन्होंने चुनाव में अविभाजित शिवसेना के कद्दावर नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री और अब सीएम एकनाथ शिंदे की पार्टी में शामिल आनंदराव वी. अडसुल को पराजित किया था.
इस बार राणा का मुख्य मुकाबला एमवीए-इंडिया ब्लॉक-कांग्रेस के विधायक बलवंत बी. वानखड़े से है. यहां से रिपब्लिकन सेना के आनंदराज वाई. अंबेडकर ताल ठोक रहे हैं. उन्हे 26 अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए उनके भाई और वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) प्रमुख प्रकाश वाई अंबेडकर का समर्थन प्राप्त है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि राणा को अपनी पार्टी या गठबंधन के भीतर से ही चुनौतियां मिल रही हैंं. यह चुनौतियां उनकी चुनावी संभावनाओं के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं.
सत्तारूढ़ महायुति के सहयोगी, प्रहार जनशक्ति पार्टी (पीजेपी) के संस्थापक ओमप्रकाश बाबाराव कडू उर्फ बच्चू कडू ने हर कीमत पर राणा को हराने का संकल्प लिया है. उन्होंने अपनी ओर से स्थानीय दिग्गज दिनेश जी बूब को मैदान में उतारा है. वे राणा पर तीखा हमला कर रहे हैं.
राणा ने अपने अभियान की शुरुआत चुनावी राजनीति में प्रवेश करने के बाद से पिछले 12 वर्षों के अपने राजनीतिक संघर्षों और कठिनाइयों को याद कर की. उन्होंने बताया कि कैसे उनके विरोधियों ने उन्हें निशाना बनाया. उनके लिए प्रचार करते हुए, पीएम मोदी, डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस और नेताओं ने मतदाताओं से राज्य में सबसे अधिक अंतर से उन्हें जिताने की अपील की.
यह चुनाव कांग्रेस के लिए भी महत्वपूर्ण है. आखिरी बार पार्टी की उम्मीदवार के रूप में प्रतिभा पाटिल (1991-1996) ने यहां से विजय पताका फहराया था. इसके बाद 28 वर्षों से पार्टी सभी लोकसभा चुनावों में दूसरे स्थान पर रही है. गौरतलब है कि अमरावती (एससी) निर्वाचन क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. इनमें से तीन पर कांग्रेस, दो पर पीजेपी और एक पर भाजपा का कब्जा है.