Ancient tradition animal competition Goat Camel Buffalo Race Annual Mahashivratri cattle fair Karauli Rajasthan – News18 हिंदी


रिपोर्ट – मोहित शर्मा

करौली. पूर्वी राजस्थान के सबसे बड़े पशु मेले, महाशिवरात्रि पशु मेले का आगाज 24 फरवरी से हुआ. परंपरा के मुताबिक करौली के मेला ग्राउंड परिसर में हर साल आयोजित होने वाले इस मेले का नाम राजस्थान के प्रमुख पशु मेलों में शुमार है. हर वर्ष इस विशाल मेले में पशुओं की चार प्रतियोगिताएं भी करवाई जाती हैं. इस साल पशु मेले में दो पशु प्रतियोगिताओं का आयोजन मेले के पहले ही दिन हुआ, जबकि अन्य दो प्रतियोगिताएं दूसरे दिन हुईं. चार अलग-अलग प्रतियोगिताओं में चार पशुओं ने अपने रूप रंग, नस्ल और कद-काठी के दम पर नगद इनाम जीता.

जानकारी के अनुसार पहले इस मेले में मुख्य रूप से बैल प्रतियोगिता आयोजित होती थी. लेकिन अब इस मेले में केवल चार पशुओं की प्रतियोगिताएं होती हैं. इनमें बकरा प्रतियोगिता, बकरी प्रतियोगिता, भैंस और चौथी ऊंट प्रतियोगिता है. पशुधन प्रसार अधिकारी राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि मेले के पहले दिन बकरा प्रतियोगिता हुई और उसके बाद बकरियों की प्रतियोगिता. बकरा प्रतियोगिता में साहब सिंह गुर्जर राजपुर का बकरा प्रथम रहा. वहीं बकरी प्रतियोगिता में जसवंत सिंह गुर्जर राजपुर की बकरी प्रथम रही. वहीं, दूसरे दिन ऊंट प्रतियोगिता में प्रह्लाद सैनी का सांचेरी नस्ल का ऊंट विजेता रहा. भैंस प्रतियोगिता में लक्ष्मण सिंह गुर्जर मेला गेट की भैंस प्रथम विजेता रही.

इतना मिला नगद इनाम
पशुधन प्रचार अधिकारी ललित शर्मा ने बताया कि बकरा-बकरी प्रतियोगिता में प्रथम विजेता के रूप में पशु को ₹1100 नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिया गया. ऊंट और भैंस प्रतियोगिता में विजेता रहे पशु को ₹2100 दिए जाते हैं. प्रतियोगिता में चार जजों की कमेटी सभी फैसले करती है. ललित शर्मा ने बताया कि इस मेले को पशुपालन विभाग 1964 से आयोजित करता आ रहा है. पहले इस मेले में बैल-जोड़ी प्रतियोगिताएं भी होती थीं. लेकिन जब से बैलों की उपयोगिता कृषि में कम हुई है, तभी से मेले में बैल नहीं के बराबर आ रहे हैं. इसलिए अब दूसरे पशुओं के बीच प्रतियोगिता कराई जाती है.

Tags: Karauli news, Local18, Rajasthan news



Source link

x