Another Petition Filed In Gyanvapi Case Ancestral Priest Family Seeks Permission For Daily Puja – ज्ञानवापी मामले में एक और याचिका दायर, पुश्तैनी पुजारी परिवार ने दैनिक पूजा की मांगी इजाजत
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद के पैरोकारों को वहां दाखिल होने से रोकने की मांग की है. साथ ही लोहे के जाल और बाड़बंदी में समुचित बदलाव भी करने का निर्देश मांगा गया है, ताकि सही तरीके से देवी-देवताओं की नित्य सेवा पूजा की जा सके.
शैलेंद्र पाठक के वकील हरि शंकर जैन का कहना है कि व्यास परिवार ने अपने दावे के साथ 1551 से अब तक की वंशावली भी कोर्ट के समक्ष रखी है. व्यास परिवार की जिम्मेदारी मंदिर में देवी-देवताओं की दैनिक नित्य सेवा-पूजा, भोग की व्यवस्था, कथा और धार्मिक आध्यात्मिक अनुष्ठान करना रही है.
पाठक का कहना है कि 1993 तक उनके पुरखे आदि विश्वेश्वर मंदिर और अब ज्ञानवापी मस्जिद नाम से जाने जा रही इमारत के तहखाने में मौजूद वीरभद्र, महेश्वर, महाकालेश्वर, तारकेश्वर, अविमुक्तेश्वर, मां श्रृंगार गौरी, गणेश, हनुमान और नंदी के विग्रह यानी प्रतिमाओं के अलावा अन्य कई अदृश्य देवी देवताओं की निर्बाध सेवा पूजा भोग राग 1993 के नवंबर दिसंबर तक करते रहे. फिर 1993 के अंतिम हफ्तों में बाधाएं डाली जाने लगीं. प्रशासन ने मौखिक आदेश देकर इसे रोक दिया था.
मंदिर परिसर विध्वंस होने से पहले तक यहां मुख निर्मलिका, ज्येष्ठा, सौभाग्य, श्रृंगार, विशालाक्षी, ललिता, भवानी, मंगला और महालक्ष्मी गौरी की सेवा पूजा होती रही.
वहीं, वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने पर कब्जा करने का आशंका जताते हुए उसे डीएम की सुपुर्दगी में देने के मामले में काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी की गई है. अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 29 सितंबर तय की है.
ये भी पढ़ें:-
ज्ञानवापी परिसर में स्थित मां श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की मांग वाली याचिका पर SC में टली सुनवाई