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पंकज सिंगटा/शिमलाः हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी में सेब पांच हजार करोड़ की भूमिका निभाता है. शिमला सेब बहुल क्षेत्र है और प्रदेश में अधिकतर सेब शिमला में ही उगाया जाता है. सात हजार फीट की ऊंचाई पर उगने वाला मध्यम बेल्ट का सेब इस दौरान पीनट स्टेज पर है. पीनट स्टेज पर सेब के पहुंचने से पहले 2 स्टेज होती हैं और पीनट स्टेज के बाद सेब की 3 अन्य स्टेज होती हैं. कुल मिलाकर सेब 6 स्टेज में तैयार होता है. अगस्त महीने में मीडियम बेल्ट का सेब मंडियों में पहुंचना शुरू हो जाता है. इसके अलावा, विभिन्न हाइट का सेब अलग-अलग समय पर मंडियों में पहुंचता है.
बागवान प्रकाश शर्मा ने Local18 को बताया शिमला में मीडियम बेल्ट का सेब है. पांच हजार से सात हजार फीट के आस पास की ऊंचाई वाली बेल्ट को मीडियम बेल्ट कहा जाता है. इस समय मीडियम बेल्ट का सेब पीनट स्टेज पर पहुंच चुका है. अगस्त महीने तक यह सेब मंडियों में पहुंचना शुरू हो जाएगा.
मंडियों में कब पहुंचता सेब
बागवान प्रकाश शर्मा ने आगे बताया उनका सेब मीडियम बेल्ट का है, जो अगस्त महीने में मंडियों तक पहुंचता है. वहीं, लो बेल्ट का सेब जुलाई माह तक मंडियों में पहुंचता है और हाइयर बेल्ट का सेब सितम्बर और अक्टूबर माह तक मंडियों में पहुंचता है. आपको बता दें कि पांच हजार फीट तक की ऊंचाई वाले क्षेत्र को लो बेल्ट कहा जाता है. पांच से सात हजार फीट की ऊंचाई को मीडियम बेल्ट और सात हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई को हाइयर बेल्ट कहा जाता है.
कितने स्टेज में होती है तैयार
सेब कुल मिलाकर 6 स्टेज में तैयार होता है. इसमें क्रमशः, ग्रीन टिप, पिंक बड, फ्लॉवरिंग, पीनट, वॉलनट, फुल डेवलपिंग स्टेज शामिल है. ग्रीन टिप पहली स्टेज है, इस दौरान पौधों में पत्तियां आना शुरू होती हैं. पिंक बड दूसरी स्टेज है, जहां सेब के पौधों में लाल रंग की बड आनी शुरू होती है. फ्लॉवरिंग तीसरी, सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील स्टेज है. इस दौरान पौधों में फूल आना शुरू होता है, यही स्टेज तय करती है कि सेब की फसल कैसी होगी. पीनट स्टेज चौथी स्टेज है, यहां सेब मूंगफली के दाने जितना आकर ले लेता है. वॉलनट स्टेज पांचवी स्टेज है, यहां सेब का आकर अखरोट जितना बड़ा हो जाता है. छठी और आखरी स्टेज फुल डेवलपिंग स्टेज होती है, इस दौरान सेब अपना पूरा आकर ले लेता है और सेब में कलर आना भी शुरू हो जाता है.
किस स्टेज में कितना समय
सेब पांच स्टेज में तैयार होता है. सेब के पौधों में फरवरी और मार्च माह के दौरान ग्रीन टिप स्टेज शुरू हो जाती है. इसके बाद करीब एक माह के वक्त के बाद मार्च और अप्रैल माह में पिंक बड स्टेज आना शुरू हो जाता है. पिंक बड स्टेज के करीब 20 दिनों बाद पौधों में फ्लॉवरिंग शुरू हो जाती है. इसके पश्चात करीब 15 से 20 दिनों में सेब पीनट स्टेज पर पहुंच जाता है. लगभग 25 दिनों के अंतराल के बाद सेब वॉलनट स्टेज पर पहुंचता है और आखिर में करीब एक महीने बाद सेब फुल डेवलपिंग स्टेज में पहुंच जाता है. इस स्टेज में सेब के आकार के साथ कलर आना भी शुरू हो जाता है. हालांकि हाई स्ट्रेन वेराइटी में वॉलनट स्टेज में भी कलर आना शुरू हो जाता है, लेकिन सामान्य और पारम्परिक वेराइटी में सेब में आखिरी स्टेज में ही कलर आता है. इस पूरी प्रक्रिया में करीब 5 से 6 महीनों का वक्त लग जाता है.
Tags: Agriculture, Local18
FIRST PUBLISHED : May 9, 2024, 17:15 IST