AQI crosses 300 in many areas of Delhi NCR know for how many hours staying in it can be dangerous


देश की राजधानी दिल्ली में इन दिनों सबसे बड़ा खतरा प्रदूषण है. देशभर में हर साल प्रदूषण लगभग 33 हजार लोगों की जान ले लेता है. वहीं हाल ही में प्रदूषण के बढ़ते मामलों ने चिंता और बढ़ा दी है. फिलहाल दिल्लीएनसीआर के कई इलाकों में एक्यूआई का स्तर 300 के पार पहुंच चुका है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर इस स्तर के एक्यूआई में कितने घंटे तक रहना इंसान के लिए खतरनाक हो सकता है? चलिए इसका जवाब जान लेते हैं.

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प्रदूषण इंसान पर कितना असर डालता है?

लैसेंट की रिपोर्ट में ये बताया गया है कि, जहरीली हवा में मौजूद बारीक कण PM2.5 बच्चों और बुजुर्गों के लिए सबसे बड़ा खतरा बन रहा है. यह कई बीमारियों को जन्म देता है और जो लोग पहले से सांस और दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं, उनकी हालात और बिगाड़ता है.

वहीं देश के कुछ खास शहरों में प्रदूषित हवाके कारण बीमारियों का खतरा और भी बढ़ रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में दिल्ली ही नहीं बल्कि अहमदाबाद, बेंगलरू, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे, शिमला और वाराणसी भी उन शहरों में शामिल हैं जहां प्रदूषण का स्तर बढ़ा है. इन शहरों में कार्बन का उत्सर्जन ज्यादा हो रहा है. इन शहरों में गाड़ियों का धुआं, औद्योगिक गतिविधियां, निर्माण कार्य की संख्या में वृद्धि के चलते हवा प्रदूषित हो रही है.

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इतने प्रदूषण में कितनी देर रहना हो जाता है खतरनाक?

रिसर्च रिपोर्ट की मानें तो प्रदूषित हवा में मौजूद महीन कण PM2.5 सांस के जरिए शरीर में पहुंचते हैं. यहीं से ये फेफड़ों में अपनी पहुंच बनाते हैं. इसके अलावा कुछ ब्लड में भी पहुंचकर पूरे शरीर में सर्कुलेट होते हैं. विशेषज्ञों का कहना है, बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं PM2.5 प्रति सेंसिटिव होती हैं. यही वजह है कि PM2.5 का इन लोगों पर सबसे ज्यादा असर होता है. ये सांस की बीमारी का कारण बनते हैं. हृदय रोगों को बढ़ाते हैं. इसके अलावा ब्रेन से जुड़ी बीमारियों की वजह बनते हैं. इस रिसर्च में शामिल शोधकर्ताओं की मानें तो देश में हवा की गुणवत्ता मानकों के नीचे है. इसका जो असर हम देख रहे हैं वो चिंताजनक है. हैरानी की बात ये है कि शोधकर्ताओं ने जिन हिस्सों से हवा के नमूने लिए थे 2008 और 2019 के बीच वहां 36 लाख मौतें हुईं हैं.

रिसर्चर्स के मुताबिक, प्रदूषण के इस स्तर में 48 घंटे से भी कम समय तक रहने से इंसान की उम्र पर गलत असर पड़ता है. गौरतलब है कि दिल्ली-NCR के कई इलाकों में फिलहाल AQI 300 के पार पहुंच गया है. जिसके चलते सांस से जुड़ी दिक्कतें बढ़ रही हैं.

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