Arvind Kejriwal Vs LG VK Saxena Wrote Letter To Each Other On Delhi Law And Order ANN


Arvind Kejriwal Vs LG VK Saxena: सीएम अरविंद केजरीवाल और एलजी वीके सक्सेना के बीच दिल्ली में बिगड़ती क़ानून व्यवस्था को लेकर एक दूसरे को चिट्ठी लिखने का सिलसिला लगातार जारी है. एलजी के लेटर के जवाब में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फिर एक बार उन्हें पत्र लिखा है. 

इससे पहले एलजी सक्सेना ने अपने पत्र में लिखा था कि दिल्ली पुलिस की नियमित समीक्षा और निगरानी होती रहती है. अपराध का राजनीतिकरण इन दिनों लगभग एक आदत बन गया है और इससे कोई समाधान नहीं मिलता. उन्होंने केजरीवाल पर तल्ख़ टिप्पणी करते हुए लिखा था कि 2012 में एक दुर्भाग्यपूर्ण बलात्कार का मुद्दा आपने (केजरीवाल ने) तत्कालीन मुख्यमंत्री को राजनीतिक रूप से निशाना बनाने के लिए उठाया था. 

इसके साथ ही सक्सेना ने लिखा कि मीडिया गैलरी का फायदा उठाने और अपनी पार्टी के लिए राजनीतिक अवसर पैदा करने के बजाय समाधान निकालने को लेकर एक सार्थक चर्चा के लिए आप (अरविंद केजरीवाल) और आपकी कैबिनेट का मुझसे मुलाक़ात के प्रस्ताव का स्वागत है. 

अरविंद केजरीवाल ने क्या जवाब दिया?
अब इस लेटर के जवाब में सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार (21 जून) को एक बार फिर उपराज्यपाल वीके सक्सेना को जवाबी पत्र लिखा. उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि मैं दिल्ली में कानून व्यवस्था की स्थिति में तत्काल सुधार की आवश्यकता को स्वीकार न करने की एलजी की अनिच्छा को समझ नहीं पा रहा हूं.

केजरीवाल ने पत्र के जरिए एलजी से दिल्ली के दो करोड़ निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है. उनका ये लेटर दिल्ली में एक ही दिन में चार हत्याओं की पृष्ठभूमि में आया है, जबकि कुछ हफ्ते पहले दिल्ली ने जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी की है. 

अरविंद केजरीवाल ने बताया क्यों लेटर लिखा?
सीएम अरविंद केजरीवाल ने एलजी को लिखे अपने लेटर में कहा कि दिल्ली में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के मुद्दे को लेकर मेरे पत्र पर आपकी प्रतिक्रिया को मैंने ध्यान से पढ़ा. सामान्य तौर पर मैं वापस फिर से लिखने का फैसला नहीं लेता, लेकिन आपकी प्रतिक्रिया ने मेरे पास दिल्ली के लोगों को यह बताने के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा कि जिम्मेदार लोगों के पास दिल्ली वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीधे तौर पर कोई ठोस समाधान नहीं है. जिम्मेदार लोग केवल इल्जाम ही थोप सकते हैं. 

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संजोयक केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली के दो करोड़ जनता की जिंदगी और प्रॉपर्टी की सुरक्षा से संबंधित एक बेहद गंभीर मुद्दे को राजनीतिक करार देना आसान है, लेकिन आपकी प्रतिक्रिया ने विचार किए जाने वाले ऐसे किसी प्रभावी कदम की पेशकश नहीं की है, जिससे दिल्ली के लोग अपनी सुरक्षा को लेकर आश्वस्त हो सकें.

केजरीवाल ने कहा कि एलजी की दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ की जाने वाली नियमित साप्ताहिक बैठकें तब तक औपचारिकता ही रहेंगी जब तक कि जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम उठाकर दिल्ली में लगातार हो रही गंभीर अपराधिक घटनाओं को रोका न जा सके. 

अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा?
केजरीवाल ने कहा है कि आप (एलजी) अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए चुनी हुई सरकार के कार्यों का श्रेय लेने की होड़ में व्यस्त हैं. संविधान ने आपको दिल्ली की कानून व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी दी है. ऐसा लगता है कि चुनी हुई सरकार के कामकाज में लगातार रुकावटें पैदा कर सभी संवैधानिक सिद्धांतों और सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों को दरकिनार करने के चलते आपके पास दिल्ली के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गंभीरता से ध्यान देना का वक्त नहीं है. 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने पत्र में आगे कहा है कि मेरे लेटर के जवाब में आपने 2012 के दिल दहला देने वाले गैंगरेप और दिल्ली की बेटी निर्भया की हत्या का जिक्र किया है. आप दिल्ली के बारे में तथ्यों से अवगत नहीं हैं. इस कारण बता दूं कि दिल को दहला देने वाले निर्भया कांड के बाद जनता में इतना आक्रोश था कि तत्कालीन केंद्र सरकार को महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकने के लिए आपराधिक कानूनों में बदलाव करने को मजबूर होना पड़ा था.

केजरीवाल ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि आप जिस मौजूदा केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, वो दिल्ली में गंभीर अपराधों में आई तेजी को नियंत्रित करने को लेकर किसी नए समाधान के साथ आने के लिए संवेदनशीलता है या नहीं. 

पहलवान के प्रदर्शन का किया जिक्र 
केजरीवाल ने कहा है कि यौन उत्पीड़न मामले में एफआईआर दर्ज करवाने के लिए देश के लिए पदक जीतने वाले पहलवानों को महीनों तक विरोध प्रदर्शन करना पड़ा. तब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई.

उन्होंने कहा कि यह दिल्ली पुलिस के राजनीतिक आकाओं की बुरी मंशा को दर्शाता है और यह निश्चित रूप से दिल्ली पुलिस पर महिलाओं के विश्वास को कम करता है. दिल्ली पुलिस ने अपनी मर्जी से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने वाले पदक विजेता पहलवानों पर बल प्रयोग नहीं किया है और ना ही वो बिना राजनीतिक आदेश के शांतिपूर्ण चल रहे विरोध प्रदर्शन को दबाती.  

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली पुलिस एक अच्छा सुरक्षा बल है. इसे बिना राजनीतिक हस्तक्षेप के काम करने देना चाहिए. दिल्ली पुलिस को इसके लिए प्रोत्साहित करना चाहिए कि वो दिल्ली के लोगों को आश्वस्त करें कि उनका जीवन और संपत्ति सुरक्षित है. 

दिल्ली पुलिस का किया जिक्र
केजरीवाल ने लेटर में जोर देते हुए कहा है कि मुझे जानकारी मिली है कि दिल्ली के पुलिस थानों में जवानों की कमी है. इसकी वजह से अपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी पुलिसिंग और गश्त नहीं हो पा रही है. 

उन्होंने कहा कि कुछ पुलिस थानों में स्वीकृत पुलिस बल के मुकाबले केवल 35 -40 फीसद पुलिस बल ही मौजूद है और वो इतने कम फोर्स के साथ काम करने को मजबूर हैं. ऐसे में हम किसी भी थानाध्यक्ष से यह कैसे अपेक्षा रख सकते हैं कि वो 35 फीसद पुलिस बल के साथ काम करे? ऐसी स्थिति में वो अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले पूरे क्षेत्र की प्रभावी पुलिसिंग और पेट्रोलिंग कैसे कर सकता है?

क्या अपील की? 
 केजरीवाल ने एलजी सक्सेना से अपील की है कि वो दिल्ली की आबादी के अनुपात में दिल्ली पुलिस कर्मियों की संख्या का नए सिरे से आंकलन कराएं. इसी के साथ पुलिस थानों में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाए.

उन्होंने कहा कि इस समस्या का हल दिल्ली पुलिस की जरूरतों को प्राथमिकता देने और दिल्ली पुलिस की ताकत को बढ़ाने से निकलेगा. वहीं दिल्ली को सुरक्षित बनाने के लिए निवासियों के साथ जुड़ाव बेहद जरूरी है. 



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