Arvinder Singh Lovely Said After Leaving The Post Of Delhi State President Of Congress – किसी दूसरी पार्टी में शामिल नहीं हो रहा… : दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद बोले लवली
नई दिल्ली:
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद रविवार को अरविंदर सिंह लवली (Arvinder Singh Lovely) ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी पार्टी में शामिल नहीं हो रहे हैं. लवली ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है और केवल अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के साथ गठबंधन के विरोध में उन्होंने पद छोड़ा है.
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इस्तीफे का क्या है कारण?
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे पत्र में लवली ने भ्रष्टाचार के मामलों में AAP के कई मंत्रियों को जेल भेजे जाने जिक्र किया है और उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में भी कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए अरविंद केजरीवाल की पार्टी के साथ गठबंधन किया. उन्होंने कहा, दिल्ली कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हितों की रक्षा करने में असमर्थ होने के कारण वह पद से इस्तीफा दे रहे हैं.
दिल्ली कांग्रेस इकाई AAP से गठबंधन के खिलाफ…
लवली ने कहा कि आम आदमी पार्टी द्वारा कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बावजूद, पार्टी ने उनके साथ गठबंधन किया. उन्होंने लिखा, “दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी और जिसके आधे कैबिनेट मंत्री वर्तमान में भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में हैं. इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में आप के साथ गठबंधन करने का फैसला किया.”
एआईसीसी महासचिव पर लगाया गंभीर आरोप
अरविंदर सिंह लवली को अगस्त 2023 में दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया था. लवली ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे अपने पत्र में कहा कि दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा लिए गए सभी सर्वसम्मत निर्णयों को एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने एकतरफा वीटो कर दिया है. उन्होंने लिखा, “डीपीसीसी अध्यक्ष के रूप में मेरी नियुक्ति के बाद से, एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने मुझे डीपीसीसी में कोई भी वरिष्ठ नियुक्ति करने की अनुमति नहीं दी है.
डीपीसीसी के मीडिया प्रमुख के रूप में एक अनुभवी नेता की नियुक्ति के मेरे अनुरोध को स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया गया था. आज, एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने डीपीसीसी को शहर में सभी ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति करने की अनुमति नहीं दी है, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली में 150 से अधिक ब्लॉकों में वर्तमान में कोई ब्लॉक अध्यक्ष नहीं है.”
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