Asaduddin Owaisi Reacts On S Jaishankar Remark Over Afghanistan Sikh Community Issue AIMIM Leader Slams CAA


Asaduddin Owaisi Remark On CAA: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार (8 जून) को दिल्ली में अफगानिस्तान से आए सिख शरणार्थियों से मुलाकात के दौरान नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का जिक्र किया तो इस कानून को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का भी बयान आया.

हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अफगानिस्तान के सिख शरणार्थियों का मामला अनोखा न होने का दावा किया और सीएए को भेदभाव वाला कानून करार दिया. ओवैसी ने कहा कि उन्होंने एक तटस्थ कानून का प्रस्ताव रखा था जो शरणार्थियं की मदद करता.

असदुद्दीन ओवैसी का पूरा बयान

न्यूज एजेंसी पीटीआई के विदेश मंत्री के बयान से संबंधित एक ट्वीट को शेयर करते हुए असदु्द्दीन ओवैसी ने लिखा, ”दरअसल उनका (सिख शरणार्थियों का) मामला कोई अनोखा नहीं है. भारत हजारों शरणार्थियों का घर रहा है. हमें उनकी सुरक्षा के लिए एक गैर-भेदभावपूर्ण शरणार्थी कानून की जरूरत है.”

ओवैसी ने कानून की आलोचना करते हुए आगे लिखा, ”CAA (नागरिकता संशोधन अधिनियम) धर्म, देश और भारत में प्रवेश के समय के आधार पर भेदभाव करता है. इसके बजाय मैंने एक तटस्थ कानून का प्रस्ताव रखा था जो इन शरणार्थियों की मदद करता लेकिन सीएए केवल उन लोगों की सुरक्षा करता है जो 2014 से पहले भारत आए थे.”

असदुद्दीन ओवैसी का ट्वीट

क्या कहा था विदेश मंत्री एस जयशंकर ने?

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ”उनका (अफगानिस्तान में सिख समुदाय) मुद्दा अनोखा है. सामुदायिक संगठन से एक बार जब हमें इसके बारे में ज्यादा जानकारी मिल जाएगी तो हम इसे आगे बढ़ाएंगे.” बता दें कि मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने के अवसर पर बीजेपी की दिल्ली इकाई जनता तक सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाने का अभियान चला रही है.

इसी अभियान के तहत विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को दिल्ली में एक प्रेस क्रॉन्फ्रेंस की. इसके बाद वह गुरु अर्जुन देव गुरुद्वारा पहुंचे थे, जहां उन्होंने दर्शन करने के बाद अफगानिस्तान से भारत आए सिख शरणार्थियों से मुलाकात की. 

विदेश मंत्री ने सिख शरणार्थियों के मुद्दे का समाधान करने का आश्वासन देते हुए कहा कि अगर वो कानून (CAA) नहीं होता तो लोगों का क्या होता. उन्होंने यह भी कहा कि यह राजनीति का मामला नहीं है, इंसानियत का मामला है. इनको (शरणार्थियों को) इस हालत में कौन छोड़ सकता था. उन्होंने कहा कि सिख शरणार्थियों की वीजा और नागरिकता को लेकर कुछ दिक्कतें हैं, मुद्दों का समाधान किया जाएगा.

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