Asked West To Mind Their Business Russia Minister Sergey Lavrov Praises S Jaishankar – पश्चिम से कहा, अपने काम से काम रखो…, रूस के मंत्री ने बांधे विदेशमंत्री एस. जयशंकर की तारीफ़ों के पुल


juuu3p08 jaishankar Asked West To Mind Their Business Russia Minister Sergey Lavrov Praises S Jaishankar - पश्चिम से कहा, अपने काम से काम रखो..., रूस के मंत्री ने बांधे विदेशमंत्री एस. जयशंकर की तारीफ़ों के पुल

रूसी विदेश मंत्री ने की एस. जयशंकर की तारीफ

नई दिल्‍ली :

भारत और रूस के रिश्‍ते काफी पुराने हैं. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को रूस के अपने समकक्ष से इस बात के लिए सराहना मिली है कि उन्होंने यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर सवाल उठाने पर पश्चिमी देशों से “अपने काम से काम रखने” के लिए कहा था. 

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रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में देश के विदेश मामलों के मंत्री सर्गेई लावरोव, सोची में विश्व युवा मंच को संबोधित करते हुए दिखाई दे रहे हैं. लावरोव यहां कह रहे हैं, “मेरे मित्र, विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर, एक बार संयुक्त राष्ट्र में भाषण दे रहे थे. उनसे पूछा गया कि उन्होंने रूस से इतना अधिक तेल क्यों खरीदना शुरू कर दिया…? इस सवाल के जवाब में जयशंकर ने उन्हें ‘अपने काम से काम रखने’ की सलाह दी और साथ ही उन्हें याद दिलाया कि कितना तेल पश्चिम ने रूसी संघ से खरीदा था… और अब भी जारी रखा है. यह राष्ट्रीय गरिमा है.”

यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध छिड़ने के बाद, पश्चिम के अधिकांश देशों ने मास्को पर प्रतिबंध लगा दिए और कच्चा रूसी तेल खरीदना बंद कर दिया. हालांकि, भारत ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया. डॉ. जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नई दिल्ली की स्थिति को स्पष्ट करते हुए इस बात पर जोर दिया कि भारतीय नागरिक ऊर्जा की ऊंची कीमतें वहन नहीं कर सकते हैं… नरेंद्र मोदी सरकार सिर्फ अपने नागरिकों के लिए बेहतर सौदा हासिल करने का प्रयास कर रही है.

विदेश मंत्री ने यूरोप के “दोहरे मानकों” पर भी कटाक्ष किया और कहा कि उसे इस मानसिकता से बाहर निकलने की जरूरत है कि यूरोप की समस्याएं दुनिया की समस्याएं हैं, लेकिन दुनिया की समस्याएं यूरोप की समस्याएं नहीं हैं. 

हाल ही में डॉ. जयशंकर से म्यूनिख में एक सुरक्षा सम्मेलन में भारत द्वारा रूसी तेल की निरंतर खरीद के बारे में पूछा गया था. उनसे पूछा गया था कि क्या यह अन्य प्रमुख सहयोगियों के साथ उसके समीकरणों में एक समस्या बन जाता है? अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक उनके साथ थे. यहां डॉ. जयशंकर ने जवाब दिया, “यह एक समस्या क्यों होनी चाहिए…? मैं इतना स्‍मार्ट हूं कि मेरे पास कई विकल्प हैं. इसके लिए आपको मेरी प्रशंसा करनी चाहिए न कि आलोचना. क्या यह कोई समस्या है, मैं ऐसा नहीं सोचता.”

विदेश मंत्री ने कहा है कि यूक्रेन युद्ध पर भारत की स्थिति “बहुत स्पष्ट और बहुत सार्वजनिक” है. उन्होंने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री द्वारा व्यक्त की गई भारतीय स्थिति यह है कि यह युद्ध का युग नहीं है और बातचीत और कूटनीति ही इसका उत्तर है.” मोदी सरकार के रुख को मॉस्को से पहले भी सराहना मिल चुकी है. जनवरी में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि मॉस्को “भारत और उसके नेतृत्व पर भरोसा कर सकता है, क्योंकि यह आश्वासन दिया गया है कि नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मंच पर उनके खिलाफ ‘खेल’ नहीं खेलेगी.”

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