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दुनिया के सबसे पुराने रेगिस्तानों में से एक नामीब की अंतरिक्ष से खींची गई शानदार तस्वीरें, अनसुलझे रहस्यों के चलते है मशहूर

मंगल ग्रह की सतह के जैसी दिखने वाली एक जगह, जो कई अनसुलझी पहेलियों से जुड़ी हुई है. ये जगह एक रेगिस्तान है, जिसका नाम नामीब है (Namib Desert). ये रेगिस्तान दूर तक दक्षिण अफ्रीका के उत्तरी हिस्से तक फैला हुआ है और दक्षिणी अंगोला से लेकर नामीबिया तक होते हुए जाता है. हाल ही में इस कमाल के रेगिस्तान की कुछ मनमोहक तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं, जो वाकई हैरान कर देने वाली हैं.

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency (ESA)) के एक अंतरिक्ष यात्री ने अंतरिक्ष से खींची गई पश्चिमी नामीबिया (Namibia) के नामीब (Namib Desert) रेगिस्तान की मनमोहक तस्वीरें साझा की हैं. ऐसा माना जाता है कि नामीब पृथ्वी पर सबसे पुराने रेगिस्तानों में से एक है, जो 55 मिलियन वर्ष पुराना है. 

बीते शुक्रवार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स X (पूर्व में ट्विटर Twitter) पर एक पोस्ट में डेनिश अंतरिक्ष यात्री एंड्रियास मोगेन्सन (Danish astronaut Andreas Mogensen) ने नामीब की तटीय रेगिस्तान की विशेषताओं को प्रदर्शित करने वाली कुछ तस्वीरें साझा कीं. तस्वीरों के साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा, ‘नामीबिया के तट के साथ नामीब रेगिस्तान का लहराता रेतीला समुद्र. यह शायद दुनिया का सबसे पुराना रेगिस्तान (world’s oldest desert) है, जो 55-80 मिलियन वर्ष पुराना है.’

तस्वीरों में से एक में रेत के टीलों से घिरे रेगिस्तान में एक गड्ढा जैसी संरचना भी दिखाई दे रही है, जो एंड्रियास मोगेन्सन (Andreas Mogensen) के अनुसार, ब्रुककारोस पर्वत (Brukkaros Mountain) है. उन्होंने आगे लिखा, ‘रेत के टीलों का एक छोटा सा अंतर्देशीय भाग, ब्रुककारोस पर्वत है. हालांकि, अंतरिक्ष (space) से देखने पर यह एक उल्का क्रेटर जैसा दिखता है, लेकिन वास्तव में यह लगभग 4 किमी व्यास वाला एक काल्डेरा है, जो एक भूमिगत विस्फोट से बना था, जब बढ़ते मैग्मा (magma) के कारण भूजल अत्यधिक गर्म हो गया था.’ नामीब (जिसे पृथ्वी पर सबसे शुष्क स्थानों में से एक माना जाता है) का स्थानीय नामा भाषा में अर्थ है, ‘ऐसा क्षेत्र जहां कुछ भी नहीं है.’

यहां देखें पोस्ट

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (US space agency NASA) के अनुसार, नामीब तटीय रेगिस्तान का निर्माण बेंगुएला (Benguela) धारा नामक ठंडी समुद्री धारा के कारण हुआ है. धारा क्षेत्र में वर्षा को रोक देती है, लेकिन सुबह कोहरा पैदा करती है, जो रेत के टीलों की सतह पर फंस जाता है और कुछ स्थानों पर विरल वनस्पति विकास की अनुमति देता है.

नामीब रेगिस्तान (Namib Desert) में तेज तटवर्ती हवाओं से बने टीले दुनिया में सबसे ऊंचे हैं, जिनकी ऊंचाई कुछ स्थानों पर 1,167 फीट तक है. इन टीलों का निर्माण तब होता है, जब नदी समुद्री धारा और हवा द्वारा हजारों किलोमीटर दूर से सामग्री का परिवहन होता है. शुष्क क्षेत्र में सरीसृप और स्तनधारी कोहरे पर निर्भर रहते हैं, जो उनके पानी का प्राथमिक स्रोत है.





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