avocado farming permeshwar thorat increase income modern methods sa



Avocado Farming 2024 12 1ecacc448a24a9f9f93d4ae0002d10f4 avocado farming permeshwar thorat increase income modern methods sa

बीड: किसान इस समय अपनी खेतों में नए तरीके आजमा रहे हैं. बीड़ जिले के शिवनी गांव के रहने वाले परमेश्वर थोऱत के पास केवल पांच एकड़ ज़मीन है. पारंपरिक फसलों पर आधारित खेती से उनकी आय ज्यादा नहीं बढ़ रही थी. कपास, सोयाबीन और बाजरा जैसी फसलों का उत्पादन कम था और लागत ज्यादा थी. इसके कारण, खेती से होने वाली आय से उनका परिवार मुश्किल से गुज़र-बसर कर पा रहा था, लेकिन उन्होंने पारंपरिक खेती को अलविदा कहकर आधुनिक और लाभकारी एवोकाडो खेती को चुना और अपनी मेहनत का अच्छा फल पाया.

सोशल मीडिया और नए तरीके का असर
पारंपरिक खेती में मुश्किलों का सामना करते हुए, परमेश्वर थोऱत ने नए विकल्पों की तलाश शुरू की. उन्हें सोशल मीडिया के जरिए एवोकाडो फल के बारे में जानकारी मिली. यह फल, जो मध्य अमेरिका और मैक्सिको में उत्पन्न हुआ था, भारत में भी अच्छा मांग में है. उन्होंने देखा कि एवोकाडो, जो पोषक तत्वों से भरपूर है, का बाजार में मूल्य काफी अच्छा है.

एवोकाडो की खेती की तैयारी
बता दें कि एवोकाडो लगाने से पहले, उन्होंने इसके बारे में गहरी जानकारी जुटाई. इसके लिए उन्होंने कृषि विशेषज्ञों की मदद ली, जिनसे उन्होंने मिट्टी की जांच, जलवायु अध्ययन और पौधे लगाने की तकनीक सीखी.

पहाड़ी इलाकों में एवोकाडो की खेती
एवोकाडो के पेड़ों को गर्म और सूखे मौसम की आवश्यकता होती है. ये कम पानी में भी अच्छे से उगते हैं. यह स्थिति बीड़ के पहाड़ी इलाकों में अनुकूल थी. थोऱत ने शुरुआत में एक एकड़ ज़मीन में उच्च गुणवत्ता वाले पौधे लगाए. इन पेड़ों को बहुत पानी की जरूरत होती है, लेकिन उन्होंने ड्रिप सिंचाई का उपयोग करके जल की बचत करते हुए अपनी खेती को मैनेज किया.

तीन साल में उत्पादन शुरू
एवोकाडो के पेड़ पौधों को लगाने के दो से तीन साल बाद उत्पादन शुरू होता है. थोऱत के खेत में तीसरे साल में अच्छे फल आने लगे. ये फल स्थानीय और राष्ट्रीय दोनों बाजारों में अच्छी मांग में हैं. वर्तमान में, थोऱत का उत्पादन देश के प्रमुख शहरों में बेचा जाता है, जिनमें मुंबई, पुणे और बेंगलुरु शामिल हैं.

कितनी हो रही है कमाई
हालांकि उन्होंने शुरुआत में एक एकड़ में पौधे लगाए थे, लेकिन पहले ही साल में उन्होंने अच्छा मुनाफा कमाया. वर्तमान में, वे एक एकड़ ज़मीन से हर साल 10 से 11 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं. एवोकाडो का बाजार मूल्य 300 से 500 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच है. इससे छोटे क्षेत्र से भी अच्छी आय हासिल करना संभव हुआ है.

पौधों की रोपाई और रख-रखाव की तकनीकें

पौधों का चयन: उच्च गुणवत्ता और रोगमुक्त पौधों का प्रयोग.
ड्रिप सिंचाई: पानी की बचत करते हुए पौधों को नियमित रूप से पानी देना.
जैविक खाद का उपयोग: मृदा की उर्वरता बढ़ाकर उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार.
फसल रोग नियंत्रण: कीटनाशकों और जैविक उपायों का उचित उपयोग.

क्या कभी सोचा है, इस फूल से भी हो सकती है लाखों की कमाई? इस किसान ने कर दिखाया

लोकल 18 से बात करते हुए परमेश्वर थोऱत ने कहा, “पारंपरिक खेती से आय सीमित है, लेकिन आधुनिक फल खेती, जो बाजार की मांग को पहचानती है, अच्छा मुनाफा देती है. मैं आज इस सफलता तक सही योजना और मेहनत के कारण पहुंचा हूं. भविष्य में, मैं अपनी खेतों में और ज्यादा एवोकाडो की खेती करूंगा और इसे निर्यात करूंगा.”

Tags: Local18, Special Project



Source link

x