Ayodhya Ram Mandir May Open For Devotees On 24 January 2024 Consecration Of Ram Lalla – नए साल में 24 जनवरी से भक्तों के लिए खुल सकता है अयोध्या का राम मंदिर
अयोध्या:
अयोध्या में राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) के निर्माण से संबंधित समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बुधवार को कहा कि भगवान राम का भव्य मंदिर अगले साल 24 जनवरी से भक्तों के लिए खुल सकता है. मिश्र ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राम मंदिर अगले साल 24 जनवरी से भक्तों के लिए खोला जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘अगले साल 14 जनवरी से 24 जनवरी के बीच रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का 10 दिवसीय अनुष्ठान होगा.’
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उन्होंने कहा कि तीन मंजिला राम मंदिर के भूतल का काम पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के न्यासियों ने फैसला किया है कि 14 जनवरी को पड़ने वाले मकर संक्रांति पर्व के बाद रामलला के अभिषेक की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
राम मंदिर के निर्माण से संबंधित समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर ट्रस्ट को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए देश के शीर्ष ज्योतिषियों से शुभ मुहूर्त मिला है. उनके अनुसार ज्योतिषियों ने 21, 22, 24 और 25 जनवरी को शुभ मुहूर्त बताया है.
ट्रस्ट से जुड़े सूत्रों ने बताया कि 22 जनवरी को रामलला का अभिषेक किया जा सकता है, क्योंकि इसे श्रेष्ठ तिथि बताया जा रहा है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अधिकारी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को अभिषेक समारोह (प्राण प्रतिष्ठा) के लिए आमंत्रित करेंगे. इस दौरान मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति स्थापित की जाएगी.
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि इसके लिए ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के हस्ताक्षर वाला अनुरोध पत्र प्रधानमंत्री के पास भेजा जाएगा. राय ने कहा, ‘चूंकि मूर्ति के अभिषेक के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई है, इसलिए दिसंबर 2023 और 26 जनवरी, 2024 के बीच किसी भी अनुकूल तारीख के बारे में प्रधानमंत्री से उनकी अनुमति लेने के लिए कहा जाएगा.’
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि गर्भगृह का मुख्य द्वार और मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर को सोने से मढ़वाया जाएगा. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक मूर्तियों को तराशने के लिए तीन मूर्तिकार तीन तरह के पत्थरों पर काम कर रहे हैं और सबसे आकर्षक मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित करने के लिए चुना जाएगा.
मूर्तिकार गणेश भट्ट और अरुण योगिराज कर्नाटक के विभिन्न पत्थरों पर काम कर रहे हैं, जबकि राजस्थान के सत्य नारायण पांडे सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले मकराना संगमरमर पर काम कर रहे हैं. तीनों मूर्तिकार कड़ी सुरक्षा के बीच अयोध्या के तीन अलग-अलग स्थानों पर काम कर रहे हैं और किसी भी बाहरी व्यक्ति को उनकी कार्यशाला में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है.
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