Baahubali Actor Nassar Father Wanted Him To Be An Actor But He Joined Air Force Then Destiny Brought Him To Movies
नई दिल्ली:
साउथ के पॉपुलर स्टार एम. नासर आज यानी 5 मार्च को अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं. नासर केवल एक एक्टर नहीं बल्कि डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, डबिंग आर्टिस्ट, सिंगर भी हैं जो खासतौर से तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में काम करते हैं. उन्होंने कुछ कन्नड़, अंग्रेजी, हिंदी और बंगाली फिल्मों में भी काम किया है. नासर का जन्म मुहम्मद हनीफ नाम से तमिलनाडु में महबूब बाशा और मुमताज के यहां हुआ था. उन्होंने सेंट जोसेफ हायर सेकेंडरी स्कूल (चेंगलपट्टू) में पढ़ाई की. स्कूल के बाद वह मद्रास (अब चेन्नई) चले गए. वहां उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में अपनी प्री-यूनिवर्सिटी पूरी की. मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में वह ड्रामेटिक सोसाइटी के एक एक्टिव मेंबर थे. बाद में कुछ समय के लिए उन्होंने भारतीय वायु सेना में काम किया.
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नासर ने दो एक्टिंग स्कूलों में ट्रेनिंग ली. साउथ इंडियन फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स के फिल्म इंस्टीट्यूट और तमिलनाडु इंस्टीट्यूट फॉर फिल्म एंड टेलीविजन टेक्नोलॉजी. एक्टिंग डेब्यू की बात करें तो नासर ने अपनी शुरुआत के.बालाचंदर की कल्याण अगाथिगल (1985) में एक सपोर्टिंग रोल के साथ की. इसके बाद उन्होंने युही सेतु की कविथाई पाडा नेरामिलई (1987) में हीरो का रोल किया. हालांकि उनका सफल किरदार मणिरत्नम की नायकन (1987) में एक पुलिस अधिकारी का था. इसके लिए उन्हें काफी तारीफें मिलीं. इसके बाद से वो मणिरत्नम और कमल हासन की फिल्मों के रेगुलर मेंबर गए और रोजा (1992), थेवर मगन (1992), बॉम्बे (1995), कुरुथिपुनल (1995) और इरुवर (1997) में महत्वपूर्ण रोल में दिखाई दिए.
नासर के पिता मेहबूब बाशा शुरू से ही चाहते थे कि उनका बेटा एक फिल्म एक्टर बने. जब नासर को एयरफोर्स में नौकरी मिल गई तब भी उनके पिता की वो इच्छा नहीं बदली थी. शायद ये उन्हीं की ख्वाहिश और सपने की ताकत थी जो नासर को फिल्मी स्क्रीन तक ले आई. नासर ने अपना नाम मुहम्मद हनीफ से बदलकर अपने आदर्श मिस्र के राष्ट्रपति गमाल अब्देल नासर के नाम पर नासर रख लिया था. इसलिए अगर आप उनके असल नाम से कनफ्यूज हुए हैं तो जान लीजिए कि उन्होंने खुद ही अपना नाम बदला था.