Bageshwar kalbhairav temple khichdi offering importance miracles sa


बागेश्वर: देवी-देवताओं में काल भैरव अपनी चमत्कारी प्रवृत्तियों और रौद्र रूप को लेकर काफी प्रसिद्ध हैं. बागेश्वर में बाबा कालभैरव को पौराणिक काल से ही बागेश्वर के कोतवाल के रूप में पूजा जाता है क्योंकि बागेश्वर को छोटी काशी के नाम से जाना जाता है. जिस प्रकार काशी में कालभैरव को कोतवाल का दर्जा दिया गया है, ठीक उसी प्रकार बागेश्वर में भी कालभैरव को बागेश्वर के कोतवाल का दर्जा दिया गया है. काल भैरव को भगवान शिव का रौद्र रूप माना जाता है.

लोकल 18 से बातचीत करते हुए मंदिर के आचार्य कैलाश उपाध्याय बताते हैं कि काल भैरव देवता के पास मन्नत मांगने देश-विदेश से लोग आते हैं, और जब उनकी मन्नतें पूरी होती हैं, तब भी वह पूजा अर्चना के लिए बागेश्वर आते हैं. काल भैरव को मुख्य रूप से खिचड़ी चढ़ाई जाती है, जो कि चावल, काली उड़द, मिर्च और हल्दी का मिश्रण होती है. हालांकि इससे पहले यहां बलिप्रथा का भी चलन था, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद बलिप्रथा अब नहीं होती है.

कालभैरव का महत्व
कालभैरव का पहाड़ में विशेष महत्व है. माना जाता है कि काल भैरव क्षेत्र में कानून और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रचलित हैं. न्याय की गुहार लगाने भी अक्सर लोग काल भैरव के दरबार में जाते हैं. इसके अलावा काल भैरव को बागेश्वर के कोतवाल के रूप में भी पूजा जाता है, जिससे इनकी मान्यता पहाड़ में और बढ़ जाती है.

मंदिर की स्थापना
पौराणिक काल में चंद्रवंशी राजा लक्ष्मी चंद ने 1602 में काल भैरव मंदिर की स्थापना की थी. इन्हें शिव के द्वारपाल के रूप में बागनाथ मंदिर के ठीक सामने स्थापित किया गया है. तब से बाबा कालभैरव को बागेश्वर के कोतवाल का दर्जा प्राप्त है. वर्ष 2021 में मंदिर का जीणोद्धार और सौंदर्यीकरण किया गया, जिससे मंदिर को और अधिक भव्य रूप दिया गया. मंदिर सरयू-गोमती के संगम पर बसा है.

मनोकामना पूर्ति
मान्यता है कि मंदिर में आकर पूजा-पाठ करने और खिचड़ी का भगवान काल भैरव को भोग लगाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. माना जाता है कि दुख के समय में काल भैरव अपने भक्तों का पूरा साथ देते हैं, और उन्हें न्याय दिलाते हैं. यहां पौराणिक काल में बलिप्रथा का विशेष महत्व था, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद मंदिर में इस प्रथा को प्रतिबंधित कर दिया गया है.

Garhwal News: श्रीनगर बनेगा पहाड़ का मॉडल शहर! 18 नए रास्ते खोलेंगे तरक्की के द्वार

विशेष पूजा
बागेश्वर के काल भैरव मंदिर में सावन की काली चतुर्दशी पर काल भैरव की विशेष पूजा की जाती है. इस दिन यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और मनोकामनाएं मांगते हैं. मनोकामना पूरी होने पर हर साल श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. माना जाता है कि इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा करने से वह प्रसन्न होते हैं, और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.

मंदिर दर्शन
बागेश्वर के नज़दीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम से मंदिर की दूरी मात्र 150 किमी है. काठगोदाम से आप लोकल शेयरिंग टैक्सी और बस की मदद से बागेश्वर पहुंच कर आसानी से बाबा कालभैरव के दर्शन कर सकते हैं. यह मंदिर बागेश्वर के नगर क्षेत्र में ही स्थित है, जिससे आपको दर्शन में अधिक कठिनाई नहीं होगी.

Tags: Bageshwar News, Local18, Special Project, Uttarakhand news



Source link

x