Banaskantha Lok Sabha Seat : Woman Vs Woman, One Calling Herself A Daughter, The Other Pretending To Be A Sister And Asking For Votes – बनासकांठा में महिला बनाम महिला : एक खुद को बता रही बेटी, दूसरी बहन बनकर मांग रही वोट
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बनासकांठा से कांग्रेस उम्मीदवार गेनीबेन ठाकोर को चुनाव प्रचार के दौरान लोग पैसे देते नजर आए. इसे लेकर गेनीबेन कहती हैं कि ये पैसे मामेरु के हैं. मामेरु, यानी मामा से मिली रकम. मामेरू वह रकम होती है जो मामा अपनी भांजी की शादी के वक्त उपहार में देते हैं. गेनीबेन का कहना है कि वह बनासकांठा की बहन है और बनासकांठा के लोग मामेरु के रूप में उन्हें चुनावी चंदा दे रहे हैं.
कांग्रेस उम्मीदवार होने के साथ-साथ गेनीबेन वाव विधानसभा सीट से विधायक भी हैं. 2017 में पहली बार इन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता. 2022 में भी इन्होंने अपनी जीत दोहराई. अब संसद जाने की तैयारी कर रही गेनीबेन बीजेपी पर निशाना साध रही हैं.
लोकसभा में बेटी बनाम बहन का मुकाबला
बनासकांठा में एक दूसरे से टकरा रही दोनों महिला उम्मीदवार लोगों से भावनात्मक अपील कर रही हैं एक खुद को बनासकांठा की बहन बता रही है तो दूसरी बेटी.
गेनीबेन का मुकाबला भाजपा उम्मीदवार डॉ. रेखाबेन चौधरी से है. रेखाबेन, गल्बाभाई चौधरी की पोती हैं. गल्बाभाई ने बनास डेयरी की स्थापना की थी. रेखा चौधरी ने एमएससी, एमफिल और गणित में पीएचडी हासिल की है. 44 साल की रेखा चौधरी पालनपुर की रहने वाली हैं और 20 सालों से इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में काम कर रही हैं. एनडीटीवी की टीम दियोधर इलाके में उनकी एक चुनावी सभा कवर करने पहुंची. हालांकि रेखाबेन ने कैमरे पर बात करने से इनकार कर दिया.
PM मोदी के सपनों को साकार करने का वादा
उनका प्रचार संभाल रहे कार्यकर्ता के मुताबिक, पार्टी ने उम्मीदवारों के मीडिया से बात करने पर बंदिश लगा रखी है. अपने भाषण में इन्होंने जीत जाने पर पीएम मोदी के सपनों को साकार करने का वादा किया. वहीं दियोधर के विधायक केशाजी चव्हाण भी रेखाबेन के प्रचार में जुटे हैं. चव्हाण ने संकल्प लिया है कि जब तक उनके इलाके में पानी की समस्या हल नहीं होती तब तक किसी समारोह में अपना सम्मान नहीं करवाएंगे.
कई कारणों से अहम है बनासकांठा
बनासकांठा का नाम बनास नदी पर पड़ा है. यह नदी अरावली की पहाड़ियों से निकल कर यहां से गुजरती है और कच्छ के रण के पास अरब सागर में समा जाती है.राजस्थान की सीमा से लगा बनासकांठा कई कारणों से अहमियत रखता है. एक तो यहां पर अंबाजी मंदिर है, जो शक्तिपीठों में से एक है. यहीं पर बनास डेयरी भी है, जो कि एशिया की सबसे बड़ी मिल्क कोऑपरेटिव में से एक है और जो यहां के किसानों का बड़ा सहारा है.
7 विधानसभा में से 4 पर BJP का कब्जा
बनासकांठा लोकसभा क्षेत्र में कुल सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं. दांता सीट को छोड़कर बाकी सभी सीटें सामान्य हैं. इसमें गेनीबेन ठाकरे वाव सीट से विधायक हैं. धानेरा सीट पर निर्दलीय विधायक हैं, दांता सीट भी कांग्रेस के पास है. बाकी की चार सीटें बीजेपी के कब्जे में हैं. यहां पर 7 मई को मतदान होना है.
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