Bangladesh News: मो. यूनुस के खिलाफ बगावत! शेख हसीना के दुश्मन बोले- अंतरिम PM पहले करें ये काम!
Bangladesh News: बांग्लादेश की स्थिति दिन पर दिन बदतर होती जा रही है. भारत से नफरत की आग में वहां की अंतरिम सरकार हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले को रोक पाने में विफल है. पूरे देश में अराजकता का माहौल है. हर तरफ अराजक तत्व हावी है. पुलिस-प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं बची है. ऐसे में अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस के खिलाफ भी अब नाराजगी बढ़ने लगी है. शांति पसंद लोग मोहम्मद यूनुस की नीतियों से खुश नहीं हैं.
इस बीच एक बड़े नेता ने भी मोहम्मद यूनुस की आलोचना की है. वह नेता कुछ दिन पहले तक यूनुस की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे थे. वह नेता पूर्व पीएम शेख हसीना के कट्टर विरोधी भी रहे हैं. लेकिन, वह अब यूनुस की नाकाम सरकार से तंग आ चुके हैं. उन्होंने कहा है कि एक गैर-निर्वाचित सरकार को लंबे समय तक सत्ता में नहीं रहना चाहिए. उन्होंने तुरंत चुनाव कराने की मांग दोहराई.
इस नेता का नाम है मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर. वह बीएनपी के महासचिव हैं. ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबकि उन्होंने एक चर्चा में कहा, “हमें सुधारों से कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन फिलहाल सबसे बड़ा मुद्दा बांग्लादेश में अस्थिरता और अराजकता है. अगर एक निर्वाचित सरकार बनती है, तो ये समस्याएं काफी हद तक कम हो जाएंगी.”
निर्वाचित सरकार करे सुधार
यह कार्यक्रम जतीया प्रेस क्लब में जतीया गोनोतांत्रिक पार्टी (जगपा) के एक धड़े द्वारा आयोजित किया गया था. फखरुल ने कहा कि एक निर्वाचित सरकार के पास समस्याओं का प्रभावी ढंग से समाधान करने का जनादेश होता है. उन्होंने कहा, “हमें हमेशा इस बात को ध्यान में रखना चाहिए. हम सुधारों का समर्थन करते हैं, लेकिन हम यह भी मानते हैं कि गैर-निर्वाचित सरकार को लंबे समय तक सत्ता में नहीं रहना चाहिए.”
फखरुल ने कहा कि अंतरिम सरकार का मुख्य काम एक निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव कराना और जनता के निर्वाचित प्रतिनिधियों को सत्ता सौंपना है. बीएनपी नेता ने कहा कि उनकी पार्टी अब भी प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार का पूरा समर्थन करती है. उन्होंने यह भी कहा कि वे चाहते हैं कि अंतरिम सरकार सफल हो और इसके लिए वे हर संभव सहयोग देने को तैयार हैं.
फखरुल ने कहा कि मेरी सबसे बड़ी अपील है कि चुनाव जल्द से जल्द कराएं. अन्यथा मौजूदा संकट, समस्याएं, तोड़फोड़ की घटनाएं और सीमा विवाद हल नहीं हो पाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि सुधार कोई नई बात नहीं है, यह एक सतत प्रक्रिया है. सरकार ने सुधारों के लिए कई आयोग बनाए हैं और वे काम कर रहे हैं, यह अच्छी बात है. लेकिन ये आयोग किनके साथ काम कर रहे हैं? उन्होंने कुछ विद्वानों को बुलाया है… हम उन्हें अच्छी तरह जानते हैं और उनका सम्मान करते हैं. लेकिन साथ ही, आपको यह समझने के लिए जनता से जुड़ना चाहिए कि वे क्या चाहती हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 29, 2024, 11:29 IST