Barmer Collector Tina Dabi worshiped the water reservoirs which have been quenching the thirst of the residents here for years


मनमोहन सेजू/ बाड़मेर:- बरसों तक समाज के हर तबके तक समाज का हलक तर करने वाले तालाब आज भी खरे हैं. यही वजह है कि राज्य भर में एक साथ विभिन्न आयोजनों के जरिये जलदाताओं का पूजन कर महत्ता को मुखर किया गया है. राज्य में भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर में शनिवार को जलाशयों पर जल संरक्षण गतिविधियां और पूजा-पाठ का आयोजन किया गया. बाड़मेर जिले का मुख्य आयोजन जालीपा तालाब पर आयोजित हुआ, जिसमें वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ जिला कलेक्टर टीना डाबी की अगुवाई में तालाब का पूजन किया गया.

पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसते हैं लोग
बॉर्डर पर यूं तो सबसे बड़ा खतरा दुश्मन से जंग का रहता है, लेकिन देश के सबसे गर्म इलाकों में शुमार बाड़मेर से सटे सैकड़ों गांवों की असली जंग पानी के लिए है. यहां पड़ोसी को मांगने पर लोग घी देने को तैयार हैं, लेकिन पानी की एक बूंद नहीं देते हैं. ऐसे में शनिवार का यह पल अपने आप मे ऐतिहासिक पल था, जब बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने जलाशयों पर पूजा अर्चना कर सरक्षंण की शपथ ली. बाड़मेर जिले भर में एक साथ 32 तालाबों पर पूजा अर्चना की गई है.

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राजस्थान जल महोत्सव -2024 का आयोजन
प्रदेश में इस बार मानसूनी बारिश से जलाशयों में जल की अच्छी आवक हुई है. इससे सुख-समृद्धि और खुशहाली के साथ चहुमुखी विकास होगा. इसको लेकर राज्य सरकार के निर्देश पर जलझूलनी एकादशी के पर्व पर राजस्थान जल महोत्सव -2024 मनाया गया है. बाड़मेर जिला कलेक्‍टर टीना डाबी ने Local 18 को बताया कि राजस्‍थान जल महोत्‍सव 2024 के तहत शनिवार को जिला,ब्लॉक और ग्राम स्तर पर जल महोत्सव के कार्यक्रम आयोजित किए गए.

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिद्धार्थ पलनीचामी ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए कहा कि बाड़मेर जैसे भौगोलिक परिस्थितियों वाले जिले में जल सरक्षंण की महती आवश्यकता है. यहां के लोगों से बेहतर पानी की महत्ता कौन समझ सकता है. ऐसे में तालाबों के सरक्षंण के साथ-साथ पानी की पूजा अर्चना कर आरती उतारी गई.

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