Benefits Of Doing Hanuman Chalisa Path – Hanuman Chalisa: हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से प्रभु बजरंग बली करेंगे आपकी ये 5 मनोकामना पूरी
Hanuman Chalisa: हनुमान जी को उनके भक्त संकट मोचक के रूप में भी जानते हैं. जब भी किसी भक्त के जीवन में संकट आता है वो हनुमानजी को याद जरूर करता है. ये नाम ही इतना शक्तिशाली, जिसके स्मरण मात्र से ही भय दूर हो जाते हैं. हर वर्ष जब चैत्र माह की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा आती है तो भगवान हनुमान की जन्म जयंती मनाई जाती है. इस साल ये खास दिन 23 अप्रैल को मानने वाला है. उनके भक्तों की आज तक ये मान्यता है कि हनुमानजी धरती पर ही मौजूद रहते हैं. उनकी जन्म जयंती पर बहुत से भक्त उपवास भी रखते हैं और फिर पूरे विधि विधान के साथ उनका पूजन भी करते हैं. हनुमान चालीसा के पाठ करने से न सिर्फ संकट दूर रहते हैं बल्कि राहु, केतु की कुदृष्टि से होने वाले नुकसान से भी बचे रह सकते हैं. मंगल के दोष से भी इस पाठ की वजह से छुटकारा मिलता है. आपको बताते हैं अगर आप नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें तो क्या क्या लाभ मिल सकते हैं.
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मिलेंगे ये पांच लाभ (Benefits Of Hanuman Chalisa)
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मिलेगी मानसिक शांति
हनुमानजी का नाम ही हर प्रकार के डर को दूर करने के लिए काफी है. जो लोग हनुमान चालीसा का पाठ पूरे नियम के साथ करते हैं उन्हें किसी चीज का डर नहीं सताता. इस पाठ को करे से नेगेटिव एनर्जी भी आपको छू नहीं पाती. साथ ही इससे मन की शांति भी मिलती है.
कामयाबी भी मिलती है
हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से कामयाबी भी हासिल होती है. क्योंकि इस पाठ हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और बाधाओं को दूर करते हैं.
बीमारियों से मिलता है छुटकारा
यदि आप या आपके घर का कोई सदस्य लगातार बीमारियों से घिरा हुआ है तो उसे भी हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहे. माना जाता है कि इस पाठ की वजह से बार बार सेहत पर आ रही मुसीबतें दूर होती हैं
आर्थिक स्थिति बनेगी बेहतर
जो लोग बड़े आर्थिक संकटों से घिरे हैं उन्हें या उनके परिजनों को दिन में 7 बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से प्रमोशन या व्यापार में तरक्की के बीच आ रही बाधाएं दूर होती हैं.
डर होगा दूर
जिन्हें अंधेरे में या रात में डर लगता है तो हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से करना चाहिए. मान्यता है कि इस पाठ से मन में बसा दर्द दूर हो जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)