Bhadrapada Amavasya 2023: Remove These Defects Of The Horoscope, Panchang Tells These Things – भाद्रपद अमावस्या 2023 : कुंडली के इन दोषों को दूर करने का मौका, पंचांग बताती हैं ये बातें
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Bhadrapad Amavasya: इस लिए है खास भादो महीने की अमावस्या तिथि
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खास बातें
- 14 सितंबर का दिन है खास.
- कुंडली के इन दोषों से मिल सकती है मुक्ति.
- ऐसे करें इनके लिए उपाय.
Amavasya kab hai: वैसे तो हर महीने अमावस्या तिथि आती है, मगर साल में एक बार आने वाला भादो महीने का अमावस्या (Bhadrapad Amavasya) काफी जरूरी माना जाता है. अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार भादो अमावस्या के दिन कुछ खास उपाए और खास पूजा (Special Puja) करने से कई दोषों का निवारण हो सकता हैं. इस साल भाद्रपद महीने की अमावस्या तिथि 14 सितंबर 2023 को है. इस दिन किए गए कुछ खास उपाय आपको इन दो बड़े कुंडली दोषों से मुक्ति दिला सकते हैं.
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पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति (Get rid of Pitra Dosh)
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जिस किसी की कुंडली में पितृ दोष (Pitra Dosh) होता हैं उसका जीवन कई कठिनाइयों से भरा होता हैं. किसी भी काम को करने से पहले उसके सामने कई बाधाएं आ सकती हैं. इस दोष में कुंडली (Kundali) के दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, नौवें और दसवें भाव में सूर्य राहु या सूर्य शनि की युति बनती है. इस दोष का प्रभाव सूर्य के तुला राशि में रहने से या राहु या शनि के साथ युति होने पर बढ़ जाता है.

ऐसे करें उपाय
इस दोष से मुक्ति पाने के लिए भादो महीने के अमावस्या के दिन पितरों को याद करके पिंड दान (Pind Daan) करना चाहिए. साथ ही अपनी गलतियों की क्षमा मांगनी चाहिए. इस साल आप 14 सितंबर 2023 को ये सब कर सकते हैं.
दूर होगा कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh)
जब कुंडली में राहु और केतु के बीच सारे ग्रह आ जाते हैं तो कालसर्प दोष का योग बनता है. इससे जीवन में कई परेशानियां आती हैं और कई बार स्वास्थ पर भी इसका असर (Health Problems) पड़ता है. अमावस्या के दिन आप अपने कुंडली के कालसर्प दोष से भी मुक्ति पा सकते हैं.

ये है उपाय
कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए अमावस्या के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की विधिवत पूजा करनी चाहिए. इसके लिए भादो महीने के अमावस्या के दिन शुद्ध गंगा जल (Gangajal) से भगवान विष्णु का जलाभिषेक करें. उनका ध्यान करके उन्हें भोग लगाएं और उनकी आरती करें. इस साल आप ये पूजा 14 सितंबर 2023 को कर सकते हैं. (प्रस्तुति-अंकित श्वेताभ)
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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