Bhilwara News: धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने हिन्दू मुस्लिम भाईचारे को लेकर कर डाली बड़ी मांग, जानें क्या कहा?
राहुल कौशिक.
भीलवाड़ा. टैक्सटाइल सिटी भीलवाड़ा में हनुमान कथा करने आए बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बड़ा बयान दिया है. बागेश्वर धाम सरकार धीरेन्द्र शास्त्री ने हिंदुओं को जातियों में बंटने की बजाय एक होने का संदेश दिया. उन्होंने कहा प्रयागराज कुंभ में गैर सनातनी की दुकान नहीं लगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इतना ही भाई चारा है तो मक्का मदीना में हिंदुओं की दुकान भी लगवा दें. उन्होंने कहा कि हिंदुओं को एक होना पड़ेगा और गर्व से कहना पड़ेगा कि ‘हम हिंदू हैं’.
बागेश्वर बाबा ने हिंदुओं के धर्मांतरण को लेकर भी बयान देते हुए कहा कि राजस्थानियों को अब घरों से निकलना होगा. ये वीरों की धरती है. शास्त्री ने कहा कि अब हिन्दू बदल गया है. अब वह हिंदू नहीं रहा है जिसे छेड़ा जाए और वह डर कर भाग जाए. उन्होंने कहा कि हमने प्रण लिया है कि अगर कोई छेड़ेगा तो छोड़ेगें नहीं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री वस्त्र नगरी में 5 दिवसीय हनुमंत कथा करने आए हुए हैं. बुधवार को भीलवाड़ा पहुंचने पर उनका हमीरगढ़ हवाई पट्टी पर भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान वहां बागेश्वर धाम सरकार और भगवान हनुमान के जय घोष लगाए गए.
कल लगेगा भव्य दिव्य दरबार
भीलवाड़ा में यह कथा दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित हो रही है. इस बीच 8 नवंबर को भव्य दिव्य दरबार का आयोजन किया जाएगा. धीरेन्द्र शास्त्री का यह दरबार सुबह 10 से लेकर दोपहर 1 बजे तक आयोजित होगा. हनुमंत कथा में प्रतिदिन करीब 1 लाख भक्तों के आने का अनुमान लगाया जा रहा है. इसको लेकर बड़े स्तर पर व्यवस्थाएं की गई हैं.
विशाल कलश यात्रा का आयोजन किया गया
इससे पहले हनुमंत कथा की पूर्व संध्या पर भीलवाड़ा शहर में विशाल कलश यात्रा का आयोजन किया गया. हनुमानजी महाराज के जयकारों की गूंज के बीच दादीधाम मंदिर से कथास्थल तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई. काठिया बाबा आश्रम के महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में निकाली गई इस शोभायात्रा में 2100 मंगल कलश सिर पर धारण किए महिलाए उत्साह से शामिल हुई. शोभायात्रा में सबसे आगे दुर्गाशक्ति के रूप में महिलाएं घोड़े पर सवार थी. बग्गियों में हरिशेवाधाम के महामंडलेश्वर हंसरामजी महाराज, लालबाबा श्यामदास, हाथीभाटा आश्रम के महंत संतदास महाराज और गोपालद्वारा सांगानेर के महंत गोपालदास महाराज सवार रहे.
FIRST PUBLISHED : November 7, 2024, 12:39 IST