Big Companies Gave Election Donations Worth Crores Through Anonymous Firms And People: The Reporters Collective – बड़ी कंपनियों ने गुमनाम फर्म और लोगों के ज़रिए दिया करोड़ों का चुनावी चंदा: द रिपोर्टर्स कलेक्टिव



cqjbnl rupee Big Companies Gave Election Donations Worth Crores Through Anonymous Firms And People: The Reporters Collective - बड़ी कंपनियों ने गुमनाम फर्म और लोगों के ज़रिए दिया करोड़ों का चुनावी चंदा: द रिपोर्टर्स कलेक्टिव

‘द रिपोर्टर्स कलेक्टिव’ ने कहा है कि, जिन कंपनियों और लोगों ने करोड़ों रुपये का चंदा दिया है उनमें कोटक समूह की एक कंपनी भी शामिल है. इस कंपनी ने उसी योजना के तहत डोनेशन दिया है जिस पर अरबपति बैंकर उदय कोटक ने सवाल उठाए थे. वाईएसआर कांग्रेस के सांसद अल्ला अयोध्या रामी रेड्डी से जुड़ी एक कंपनी ने 100 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा दिया. सौ सबसे बड़े दानदाताओं में रिलायंस इंडस्ट्रीज के अकाउंट मैन लक्ष्मीदास वल्लभदास मर्चेंट भी शामिल हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज की एक कंपनी, जिसे क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड कहा जाता है, तीसरी सबसे बड़ी डोनर है.

देश में राजनीतिक चंदे में सबसे बड़ा हिस्सा चुनावी बांड का है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने चुनावी बांड को अवैध करार दिया था. कोर्ट ने कहा था कि, “काले धन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सूचना के अधिकार का उल्लंघन उचित नहीं है. चुनावी बांड योजना सूचना के अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन है.

अप्रैल 2019 से जनवरी 2024 के बीच जारी किए गए करीब 11 प्रतिशत बांड एक ऐसी फर्म ने खरीदे थे जिसका नेतृत्व सैंटियागो मार्टिन करते हैं. सैंटियागो मार्टिन को “लॉटरी किंग” के रूप में भी पहचाना जाता है. आंकड़ों से पता चलता है कि उनकी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज उक्त अवधि के दौरान चुनावी बांड की सबसे बड़ी खरीदार रही है.

हालांकि, चुनावी बांड डेटा चुनावी बांड खरीदारों को प्राप्तकर्ताओं से मैप नहीं करता है. इससे यह साफ नहीं होता है कि कौन से व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट डोनर किन दलों को फंडिंग कर रहे थे.

‘द रिपोर्टर्स कलेक्टिव’ ने एक रिपोर्ट में कहा है कि अप्रैल 2019 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कोटक ने तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली से अपारदर्शी चुनावी बांड योजना के बारे में पूछा था. रिपोर्ट के अनुसार, सात महीने बाद कोटक ग्रुप की निजी स्वामित्व वाली एक कंपनी ‘इनफिना फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड’ ने 60 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे थे.

कलेक्टिव की रिपोर्ट के अनुसार, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद रेड्डी ने रियल एस्टेट और इंन्फ्रास्ट्रक्टर डेवलपमेंट फर्म रामकी ग्रुप की स्थापना की. रेड्डी का आफीशियल एड्रेस रामकी टावर्स है और कंस्ट्रक्शन फर्म चेन्नई ग्रीन वुड्स प्राइवेट लिमिटेड का कार्यालय का पता भी यही है. इस कंस्ट्रक्शन फर्म ने 105 करोड़ रुपये का चंदा दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई 2021 में इनकम टैक्स विभाग ने कथित कर चोरी के मामले में रामकी ग्रुप पर छापा मारा था और उसी वित्तीय वर्ष से कंपनी ने चुनावी बांड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा देना शुरू कर दिया था.

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, नवी मुंबई की धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी (DAKC) के रजिस्टर्ड पते वाली और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड से जुड़ी एक कम जानी जाने वाली कंपनी क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड चुनावी बांड का उपयोग करने वाले राजनीतिक दलों को डोनेशन देने वाली तीसरी सबसे बड़ी कंपनी थी. इसने वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2023-24 के बीच 410 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रवक्ता ने कहा है कि क्विक सप्लाई चेन रिलायंस इंडस्ट्रीज की किसी भी यूनिट की सहायक कंपनी नहीं है.

द रिपोर्टर्स कलेक्टिव की रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक कर्मचारी लक्ष्मीदास वल्लभदास मर्चेंट की लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक वे टैक्स कॉम्पलाइंस को संभालने वाले ग्रुप कंट्रोलर हैं. मर्चेंट 100 सबसे बड़े दानदाताओं में से एक हैं. उन्होंने नवंबर 2023 में चुनावी बांड के जरिए 25 करोड़ रुपये का चंदा दिया. अब रद्द की जा चुकी चुनावी बांड योजना में लोगों को अपनी पहचान बताए बिना राजनीतिक दलों को डोनेट करने की इजाजत मिली हुई थी.

द रिपोर्टर्स कलेक्टिव की रिपोर्ट के अनुसार, इससे बड़ी कंपनियों को सार्वजनिक जांच की झंझट से दूर रहते हुए अपनी ओर से चंदा देने के लिए अज्ञात लोगों और जीरो-रेवेन्यू वाली कंपनियों का उपयोग करने का मौका मिला.



Source link

x