Bihar: नीतीश-तेजस्वी आमने-सामने, अब गोपालगंज मेडिकल कॉलेज का श्रेय लेने की राजनीति शुरू


हाइलाइट्स

गोपालगंज के थावे में मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए बिहार कैबिनेट से मिल चुकी है मंजूरी सीएम नीतीश कुमार और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव चुनावी जनसभा में कर ले रहें श्रेय

रिपोर्ट- गोविंद कुमार

गोपालगंज. देशभर में लोकसभा के चार चरण के चुनाव खत्म हो चुके हैं. बिहार के गोपालगंज सुरक्षित संसदीय सीट पर छठे चरण में 25 मई को वोटिंग है, लेकिन इससे पहले मेडिकल कॉलेज की मंजूरी दिलाने को लेकर सीएम नीतीश कुमार और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव आमने-सामने आ गये हैं. पहले सीएम नीतीश कुमार ने बैकुंठपुर विधानसभा के गोविंद दास हाइस्कूल मैदान में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए गोपालगंज में मेडिकल कॉलेज की मंजूरी दिलाने की बात कही.

सीएम की जनसभा के अगले दिन ही बरौली विधानसभा के माधव हाइस्कूल मैदान में पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए अपने 17 महीने की सरकार में गोपालगंज के थावे में मेडिकल कॉलेज की मंजूरी दिलाने की बात कही. दोनों नेताओं की विकास की गाड़ी गोपालगंज में मेडिकल कॉलेज की मंजूरी दिलाने तक सिमट कर रह गयी है. हालांकि मेडिकल कॉलेज का अभी तक शिलान्यास नहीं हुआ है और टेंडर प्रक्रिया भी अभी बाकी है.

हमने दी मेडिकल कॉलेज की मंजूरी : नीतीश

सीएम नीतीश कुमार ने बीते 12 मई को गोपालगंज के गोविंद दास हाइस्कूल मैदान में एनडीए प्रत्याशी व जेडीयू सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन के लिए चुनावी जनसभा को संबोधित किया था. सीएम ने अपनी जनसभा में गोपालगंज के लिए शिक्षा-स्वास्थ्य, कृषि और पुल-पुलिया का हुए निर्माण को बताया. सीएम ने कहा कि सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन की मांग पर कैबिनेट की बैठक में गोपालगंज जिला को मेडिकल कॉलेज की मंजूरी दी और राशि स्वीकृत किया. चुनाव के बाद थावे में मेडिकल कॉलेज बनेगा. सदर अस्पताल का नया भवन बन रहा है.

तेजस्वी बोले- हमने दिलायी मेडिकल कॉलेज को मंजूरी

पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बीते 13 मई को गोपालगंज के माधव हाइस्कूल मैदान में महागठबंधन समर्थित वीआइपी के प्रत्याशी प्रेमनाथ चंचल पासवान के लिए चुनावी जनसभा की. तेजस्वी यादव ने कहा कि गोपालगंज में सांसद ने कोई काम नहीं किया. हमने 17 महीने की सरकार में गोपालगंज वासियों को मेडिकल कॉलेज की मंजूरी दी और राशि भी स्वीकृत करा दिया. अब मेडिकल कॉलेज बनने से कोई रोक नहीं सकता है. सदर अस्पताल में भी नया भवन बनाने के लिए राशि स्वीकृत किया और अब भवन बन भी रहा है.

लंबे समय से चल रही थी मेडिकल कॉलेज की मांग

गोपालगंज की जनता लंबे समय से मेडिकल कॉलेज बनाने की मांग कर रही थी. पिछले लोकसभा चुनाव में भी मेडिकल कॉलेज बनाने का मुद्दा उठा था. गोपालगंज में सदर अस्पताल है, जहां से हर तीसरे मरीज को इमरजेंसी वार्ड से मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाता है. मेडिकल कॉलेज पटना से नजदीक यूपी का गोरखपुर पड़ने की वजह से अधिकांश मरीज को गोरखपुर रेफर किया जाता है, जहां तीन से चार घंटे का वक्त लग जाता है, ऐसे में मरीज को समय पर ईलाज नहीं मिलने की वजह से कई बार रास्ते में ही उसकी मौत हो जाती है. अब इस बार लोकसभा चुनाव में मेडिकल कॉलेज का मुद्दा गरमाया है और सरकार से लेकर विपक्ष के नेता मेडिकल कॉलेज की मंजूरी मिलने का श्रेय ले रहें हैं.

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