Bihar BJP Asked Tejashwi, Why Were Employees Committing Suicide Due To Stoppage Of Salaries During RJD Rule? – बिहार BJP ने तेजस्वी से किया सवाल, राजद राज में वेतन बंद होने से कर्मचारी क्यों कर रहे थे आत्मदाह?
पटना:
लोकसभा चुनाव को लेकर नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज होते जा रहे हैं. राजद नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की चुनावी सभाओं में राजद के अध्यक्ष लालू यादव को गरीबों के मसीहा बताए जाने पर भाजपा ने सवाल किया है. बीजेपी ने पूछा है कि राजद राज में वेतन बंद होने से कर्मचारी क्यों आत्मदाह कर रहे थे?
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भाजपा के प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने गुरुवार को कहा कि तेजस्वी को यह बयान देने से पहले उस दौर के प्रदेश की हालत की भी जानकारी ले लेनी चाहिए थी. कहने से कोई मसीहा नहीं बनता. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तेजस्वी के माता-पिता के राज में बिहार के सभी निगमों के करीब 35 हजार कर्मचारियों का 9 साल तक वेतन बंद हो गया था, जिससे करीब 2.45 लाख लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति थी. इन कर्मचारियों की सरकार को चिंता नहीं थी. कर्मचारियों को सरकार वेतन देने में सक्षम नहीं थी. कर्मचारी भुखमरी के कारण आत्मदाह कर रहे थे.
उन्होंने तेजस्वी से अपने माता-पिता के शासनकाल में बिहार की हालत पर जवाब मांगते हुए कहा कि राजद राज में वेतन बंद होने से कर्मचारी क्यों आत्मदाह कर रहे थे? उस दौर में सरकार अपनी विश्वसनीयता खो चुकी थी. लोगों ने शाम होते ही अपनी बेटियों को घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी थी. उद्योग के रूप में अपहरण चल रहा था, जिसका मुख्यालय सीएम आवास हो गया था.
उन्होंने कहा कि उस दौर को बिहार के लोगों ने झेला है. मुख्यमंत्री के परिवार के लोग फुटपाथ सहित अन्य दुकानदारों से हफ्ता वसूलते थे. उन्होंने तेजस्वी से राजद के उस दौर की जानकारी लेने की सलाह देते हुए कहा कि पहले उस दौर का पता कर लें तब अपने पिता को गरीबों का मसीहा बताएं.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर युवाओं से तेजस्वी को हमदर्दी है तो वे 26 साल में 53 बेशकीमती संपत्तियों के मालिक बनने का तरीका बता दें, सभी युवा उनकी तरह हो जाएंगे.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)