BJPs Allegation Of Nepotism Is Wrong: SP Candidate From Badaun Aditya Yadav – भाजपा का परिवारवाद का आरोप गलत है : बदायूं से सपा उम्मीदवार आदित्य यादव
बदायूं (उप्र):
समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव के बेटे एवं बदायूं से पार्टी के उम्मीदवार आदित्य यादव का कहना है कि अगर उन्हें राज्यसभा सदस्य या विधान परिषद का सदस्य बनाया जाता तो उनकी पार्टी पर परिवारवाद का आरोप उचित होता. उन्होंने कहा कि बदायूं से सपा उम्मीदवार का नाम घोषित करने में ‘कोई भ्रम नहीं’ था और यह रणनीति के तहत ‘जानबूझकर’ किया गया था.
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पार्टी ने शुरू में इस सीट से शिवपाल यादव को उम्मीदवार बनाया था लेकिन कुछ दिनों बाद उनके अनुरोध पर उनके स्थान पर उनके बेटे आदित्य यादव को उम्मीदवार बना दिया गया. आदित्य ने कहा, ‘‘अगर पार्टी मुझे राज्यसभा सांसद या उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य बनाती तो मैं उन परिस्थितियों में ‘परिवारवाद’ स्वीकार कर लेता.”
सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव समेत यादव परिवार के पांच सदस्यों को अलग-अलग सीट से टिकट देने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता विपक्षी दल पर निशाना साध रहे हैं. बदायूं सीट से सपा उम्मीदवार के नाम को लेकर शुरू से बन रही भ्रम की स्थिति पर आदित्य ने कहा, ‘‘शुरुआत से ही कोई भ्रम नहीं था. ये हमारी रणनीति थी और हमें खुशी है कि यह सफल रही. यह जानबूझकर और एक रणनीति के तहत किया गया.”
उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीट जीतने के भाजपा के दावे को ‘अतिशयोक्ति’ करार देते हुए यादव ने कहा, ‘‘भाजपा के दावे में कोई सच्चाई नहीं है और जब नतीजे आएंगे तो यह साबित भी हो जाएगा. इसके विपरीत, इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) उत्तर प्रदेश में बढ़त हासिल करने जा रहा है और कई स्थानों पर भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार अपनी जमानत तक नहीं बचा पाएंगे.”
यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या बहुजन समाज पार्टी (बसपा) राज्य में कांग्रेस-सपा गठबंधन में सेंध लगा पाएगी, आदित्य ने कहा, ‘‘सपा-कांग्रेस गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि जनता उन्हें समझ चुकी है. बसपा के उम्मीदवारों को जानबूझकर बदला गया, ताकि विपक्ष के वोट विभाजित किए जा सकें. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले हर पार्टी के पास अपना वोट था मगर आज मुकाबला ‘इंडिया’ बनाम राजग का है.”
वोट विभाजित होने से रोकने के लिए पार्टी की रणनीति पर सपा उम्मीदवार ने कहा, ‘‘हम जनता को बता रहे हैं कि यह चुनाव राजग और ‘इंडिया’ के घटक दलों के बीच है. ‘इंडिया’ गठबंधन इसीलिए बनाया गया कि क्योंकि पार्टी नेताओं के साथ-साथ पार्टी कार्यकर्ता और यहां तक कि जनता भी चाहती थी कि विपक्षी दल एकजुट हो जाएं.”
राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के भाजपा नीत राजग में शामिल होने से सपा पर क्या असर पड़ेगा, इस पर आदित्य ने कहा, ‘‘कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन रालोद पर जरूर असर पड़ेगा क्योंकि वहां के मतदाता उनसे बहुत नाराज हैं. अगर उन्हें दूसरी पंक्ति में बैठना पसंद है, तो उन्हें बधाई.”
अपने पहले चुनाव को बड़ी जिम्मेदारी बताते हुए आदित्य ने कहा कि इस सीट से सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने चुनाव लड़ा था. धर्मेंद्र यादव भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं और उन्होंने इस क्षेत्र के लिए काफी काम किया है. बदायूं से 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. इस सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा के दुर्विजय सिंह शाक्य और सपा के आदित्य यादव के बीच है. इस सीट पर 20.07 लाख से अधिक मतदाता मंगलवार सात मई को वोट डालेंगे.