bomb found at airport know where it is the put first know the answer


Airport Bomb Defusing Protocol: भारत में रोजाना बहुत से लोग एयपोर्ट से जाते हैं. लाखों की संख्या लोग रोजाना एयपपोर्ट पर जाकर एक शहर से दूसरे शहर के लिए फ्लाइट पकड़ते हैं. पिछले कुछ सालों से इस संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिला है. एयरपोर्ट पर सुरक्षा भी खूब चाक चौबंद होती है. लेकिन बावजूद इसके कई बार कुछ अनहोनी घटनाएं देखने को मिल जाती हैं.

कई बार एयरपोर्ट पर बम होने की खबरें देखने को मिलती है. कई बार में कुछ फर्जी खबरें भी होती है. तो कई बार एयरपोर्ट पर बम होने की असल घटनाएं भी होती है. चलिए आपको बताते हैं अगर किसी एयरपोर्ट पर बम मिलता है तो सबसे पहले उसे किस चीज में रखा जाता है. 

बम निरोधक कंटेनर में रखा जाता है बम

अगर किसी एयरपोर्ट पर कोई बम मिलता है. तो सबसे पहले ऐसी स्थिति में बम निरोधक दस्ते को बुलाया जाता है. जो कि वहां रखे हुए बम को डिफ्यूज करने का काम करते हैं. ऐसी स्थिति में सबसे पहले बम को बम निरोधक कंटेनर (Bomb Containment Vessel) में रखा जाता है. इसे बम ब्लैंकेट भी कहा जाता है. यह एक खास तरह का डिवाइस होता है. जो की बम के विस्फोट होने के प्रभाव को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ताकि आसपास के लोग और आसपास की इमारत को सुरक्षित रखा जा सके. इसे खासतौर पर इसी काम के लिए डिजाइन किया गया होता है.  

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ऐसे काम करता है बम ब्लैंकेट 

बम ब्लैंकेट की बात की जाए तो यह मोटी और काफी मजबूत धातु से बना होता है.  जो कि बम विस्फोट के प्रभाव को रोकने के लिए खासतौर पर डिजाइन किया जाता है. इसमें बड़े ही ध्यान से बम को रखा जाता है. ताकि अगर बम विस्फोट होता है तो शॉक वेव और बम में मौजूद पार्टिकल्स को दूर फैलने से रोका जा सके. इसमें रखकर बम को एक सुरक्षित जगह पर ले जाकर के विस्फोट किया जाता है.  

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यह होती है प्रक्रिया

जैसे ही बम होने की सूचना मिलती है. बम डिस्पोजल स्क्वॉड को बुलाया जाता है. इसके बाद वह बम किस तरह का है. इस बात का पता लगाते हैं. अगर पॉसिबल होता है तो सबसे पहले वह बम को डिफ्यूज करने की प्रक्रिया को करते हैं. अगर ऐसा नहीं होता तो फिर बम को बम निरोधक कंटेनर में डालकर एक सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाता है और वहां पर उसे विस्फोट करवाया जाता है. 

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