Brain Stroke Reason And Warning Sign


Brain Stroke:  वेज खाने वालों को क्यों होता है ब्रेन स्ट्रोक का ज्यादा खतरा, एक्सपर्ट से जानिए ब्रेन स्ट्रोक के कारण और वार्निंग साइन्स

ब्रेन स्ट्रोक के ये हैं अहम कारण.

Brain Stroke reason and Warning Sign: आप रोज जो खाना खाते हैं उसका असर आपकी सेहत पर भी पड़ता है. खुराक में रहने वाली कोई कमी या किसी वस्तु की कमी ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) का कारण बन सकती है. अमृता अस्पताल (फरीदाबाद) के डिपार्टमेंट ऑफ न्यूरोलॉजी के एचओडी डॉक्टर संजय पांडे से जानिए कि डाइट में क्या चीज ज्यादा होने से या कौन सा विटामिन कम होने से ये तकलीफ हो सकती है. खुराक की कमी के साथ साथ ब्रेन स्ट्रोक के वार्निंग साइन (Warning Sign) समझना भी जरूरी है. ताकि, मरीज को समय रहते सही इलाज दिलवाया जा सके.

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सवाल- कौन से कारक हैं, जो ब्रेन स्ट्रोक की वजह बन सकते हैं, वो चीजें जो ब्रेन स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाती हैं?

जवाब- स्ट्रोक के लिए जो सबसे जोखिम कारक है, वो है हमारा बढ़ता हुआ रक्तचाप और डायबिटीज है. आपने देखा होगा कि हमारे खाने पीने की जो चीजें हैं, उसमें काफी बदलाव आया है. वो एक प्रमुख कारण है जिसकी वजह से स्ट्रोक के मरीज इतने ज्यादा मिल रहे हैं. एक और कारण जो होता है वो है लिपिड की अधिक मात्रा होना या सॉल्ट का इनटेक ज्यादा होना.

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सवाल- क्‍या वेजिटेरियन फूड लेने वाले लोगों को ब्रेन स्ट्रोक का खतरा ज्‍यादा होता है.

जवाब- हमारी इंडियन सोसायटी में वेजिटेरियन पॉपुलेशन एक बहुत बड़ा पॉपुलेशन है. उस पापुलेशन में विटामिन बी12 की कमी होती है. इस विटामिन की कम भी एक बहुत बड़ा कारण है स्ट्रोक का. क्योंकि वो होमोसिस्टीन को बढ़ा देता है. होमोसिस्टीन ब्लड को कॉग्यूलेट करने में मदद करता है. जिसकी वजह से भी स्ट्रोक के इंसीडेंसेस वेजिटेरियन पॉपुलेशन में भी इंडिया में काफी मिलते हैं.

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सवाल- ब्रेन स्‍ट्रोक से पहले किसी तरह के वॉर्निंग साइन भी मिलते हैं.

जवाब- स्ट्रोक के पहले एक जो स्किमिक स्ट्रोक जैसा मैंने पहले बताया अभी उसको हम TIA बोलते हैं. TIA का मतलब transient ischaemic attack. मतलब क्या है माइनर स्ट्रोक है. तो माइनर स्ट्रोक है जिससे पेशेंट की आंखों की रोशनी चली जाती है, कुछ सेकंड के लिए फिर रिकवर हो जाती है. हाथ पैरों में वीकनेस हो सकती है कुछ सेकंड के लिए फिर रिकवर हो जाती है. ये वॉर्निंग साइन्स हैं. इन वॉर्निंग साइन को इग्नोर मत करिए. ये वॉर्निंग साइन आता है तो दिखाता है कि आगे कोई बड़ा स्ट्रोक आने वाला है. तो अगर आपने वॉर्निंग साइन को पहचान लिया और पेशेंट को तीन से साढ़े चार घंटे के बीच अस्पताल ले गए, तो पूरी तरह रिकवरी हो जाती है.

साढ़े चार घंटे के बाद हॉस्पिटल ले गए, दवा नहीं दी गई तो, कोई कमी रह सकती है. साढ़े चार घंटे के पीरियड को याद रखिए और टीआईए को याद रखिए. डॉक्टर की राय लीजिए, अस्पताल जाइए.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.



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