Buddhu Chachas Chothiya Jalebi of azamgarh is very special craze for its taste is intact for 70 years


आजमगढ़. यूपी के आजमगढ़ में जलेबी तो आपने बहुत खाया होगा. लेकिन जिस दुकान की जलेबी के बारे में बताने जा रहे हैं, उस दुकान की जलेबी स्वाद के मामले में बेहद खास है. इसको लोग बुद्धू चाचा की चोटहिया जलेबी के नाम से जानते हैं और पिछले 70 वर्षो से स्वाद का क्रेज बरकरार है. यह जलेबी अपने आप में विशेष है, क्योंकि इस जलेबी के दीवाने सिर्फ आजमगढ़ शहर में ही नहीं, बल्कि अगल-बगल के जिलों से आने वाले लोग भी हैं.

खजूर के गुड़ से तैयार चासनी से बनता है जलेबी

बुद्धू चाचा की दुकान पर मिलने वाली चोटहिया जलेबी चीनी की चासनी से नहीं बल्कि खजूर के गुड़ से बनी चासनी से तैयार होता है. इस जलेबी की सबसे बड़ी खासियत इसका चटोरापन है. वैसे यहां चीनी की चासनी से बनने वाली जलेबी भी मिलती है, जिसे भी लोग पसंद करते हैं. लेकिन, सबसे अधिक लोगों को यहां की चोटहिया जलेबी पसंद है. इसका स्वाद अन्य जलेबियों से अलग रहता है और लोग इसे खासा पसंद करते हैं.

दुकान खोजते हुए दूसरे जिलों से आते हैं लोग

दुकान संचालक विवेक कुमार गुप्ता ने लोकल 18 को बताया कि यह दुकान  70 साल से अधिक पुरानी है. दुकान की शुरूआत  पिताजी ने की थी और उनको लोग बुद्धू चाचा के नाम से जानते थे. उन्होंने ही जलेबी के इस रेसेपी का इजाद किया था. तब से लेकर आज तक बुद्धू चाचा की जलेबी आजमगढ़ के लोगों की पहली पसंद है. उन्होंने बताया कि लोग बुद्धू चाचा की जलेबी की दुकान खोजते हुए दूर-दराज के शहरों से भी आते हैं. आजमगढ़ के अलावा बनारस, लखनऊ तक से लोग जब भी आते हैं, वे बुद्धू चाचा के चोटहिया जलेबी की दुकान को खोज कर आते हैं.

रोजाना 60 किलो तक जलेबी की हो जाती है बिक्री

विवेक गुप्ता ने लोकल 18 को बताया कि कुछ ऐसे विशेष कस्टम  हैं, जो प्रतिदिन यहां जलेबी खाने आते हैं और अपने परिवार वालों के लिए लेकर भी जाते हैं. उन्होंने बताया कि दिन भर में औसतन 50 से 60 किलो जलेबियां बिकती है. मेले आदि के समय में जलेबी की बिक्री में चार गुना बढ़ जाती है. उस समय  150 से 200 किलो तक जलेबियां आसानी से बिक जाती है. बुद्धू चाचा की दुकान की बनी जलेबियां लोगों को बेहद पसंद है. यही कारण है कि आजमगढ़ जिले में बुद्धू चाचा की जलेबी बेहद प्रसिद्ध है.

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