Budget 2025: कृषि, MSMEs, महिलाओं पर वित्त मंत्री का फोकस, बिहार को मिले कई सौगात
नई दिल्ली:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को आम बजट 2025-26 पेश किया . बजट में सरकार ने मध्यम वर्ग का खास ध्यान रखा और कई ऐसे ऐलान किए जिससे लोगों के हाथ में अधिक पैसा बचेगा. वित्त मंत्री के द्वारा बजट में नई इनकम टैक्स रिजीम के तहत आयकर छूट को बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया. वहीं, अगर वेतन पाने वाले लोगों को मिलने वाली 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन छूट को मिला दिया जाए तो अब 12.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
नई टैक्स रिजीम के तहत 0-4 लाख रुपये की आय पर टैक्स शून्य होगा. वहीं, 4-8 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत, 8-12 लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत, 12-16 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत, 16-20 लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत, 20-24 लाख रुपये की आय पर 25 प्रतिशत और 24 लाख से अधिक की आय पर टैक्स की दर 30 प्रतिशत होगी.
इनकम टैक्स में कटौती होने से 12 लाख रुपये की आय पर 80,000 रुपये, 18 लाख रुपये की आय पर 70,000 रुपये, 20 लाख रुपये की आय पर 90,000 रुपये और 24 लाख रुपये की आय पर 1,10,000 रुपये की बचत होगी. वित्त मंत्री द्वारा बजट में ऐलान किया गया कि टीडीएस की दरों और सीमाओं की संख्या कम करके उसे युक्तिसंगत बनाया जाएगा. किराए पर टीडीएस की वार्षिक सीमा को 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दिया गया है.
वित्त मंत्री सीतारमण ने 4 साल तक रिटर्न भरने की भी राहत दी है. असिसमेंट ईयर में दोबारा यानी अपडेटेड रिटर्न भरा जा सकेगा. इसके साथ ही सरकार ने डोनेशन पर मिलने वाली छूट की राशि को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है. बजट में प्रॉपर्टी को लेकर किए गए ऐलान से भी मध्यम वर्ग को भी राहत मिलेगी. अब 2 प्रॉपर्टी होने पर करदाताओं को किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं देना होगा. पहले यह छूट केवल एक प्रॉपर्टी पर ही सीमित थी. वरिष्ठ नागरिकों को भी बजट में सरकार द्वारा तोहफा दिया गया है. अब 60 वर्ष से ऊपर के नागरिकों के लिए ब्याज पर कर कटौती की सीमा को बढ़ाकर 1,00,000 रुपये कर दिया गया है, जो कि पहले 50,000 रुपये थी.
वित्त मंत्री की प्रमुख घोषणा
- अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल लाया जाएगा.
- KYC प्रक्रिया को और आसान बनाया जाएगा.
- FDI की सीमा 74 पर्सेंट से 80 पर्सेंट हुई
- बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए राज्यों को 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का परिव्यय होगा.
- बिहार में खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन के राष्ट्रीय संस्थान की स्थापना की जाएगी.
- सरकार पांच आईआईटी में अतिरिक्त बुनियादी ढांचा तैयार करेगी, आईआईटी पटना का विस्तार करेगी.
- सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी सुविधा मुहैया कराई जाएगी.
- सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी सुविधा मुहैया कराई जाएगी.
- शिक्षा के लिए 500 करोड़ रुपये की लागत से कृत्रिम मेधा (एआई) उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा: वित्त मंत्री.
- कुल 20,000 करोड़ रुपये से परमाणु ऊर्जा मिशन बनाया जाएगा, 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य है.
- सरकार एक करोड़ ‘गिग कर्मियों’ की सहायता के लिए ई-श्रम मंच पर पहचान पत्र तथा पंजीकरण की व्यवस्था करेगी
- बिजली वितरण कंपनियों में सुधारों को प्रोत्साहित किया जाएगा, राज्यों को सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए जीएसडीपी के 0.5 प्रतिशत कर्ज की अनुमति दी जाएगी.
- सरकार पहली बार उद्यम करने वाली पांच लाख महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को दो करोड़ रुपये का ऋण देगी.
- सरकार पहली बार उद्यम करने वाली पांच लाख महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को दो करोड़ रुपये का ऋण देगी.
- स्टार्टअप इकाइयों के लिए एक कोष की स्थापना सरकार के 10,000 करोड़ रुपये के अंशदान से की जाएगी.
- मेडिकल कॉलेज में 10,000 सीटें बढ़ायी जाएंगी.
- सरकार राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को ऋण परिचालन के लिए सहायता प्रदान करेगी.
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री धन धान्य योजना को राज्यों के साथ मिलकर आगे बढ़ाया जा रहा है. मिडिल क्लास की खरीदने की ताकत बढ़ाने के लिए प्रयास जारी हैं. उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में सबसे आगे है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “किसान क्रेडिट कार्ड 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को अल्पावधि ऋण की सुविधा प्रदान करता है. संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत KCC(किसान क्रेडिट कार्ड) के माध्यम से लिए गए ऋण के लिए ऋण सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी जाएगी.”
- वित्त मंत्री ने किसानों के लिए बड़ी घोषणा करते हुए ऐलान किया कि मखाना बोर्ड का गठन किया जाएगा.
- वित्त मंत्री बजट में किसानों पर विशेष फोकस किया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि भारत को फुड बास्केट बनाया जाएगा.
- एमएसएमई इकाइयों के वर्गीकरण के लिए निवेश और कारोबार से जुड़ी सीमा बढ़ाई गई.
- भारतीय डाक विभाग को एक बड़े सार्वजनिक लॉजिस्टिक संगठन में तब्दील किया जाएगा, जिसके अंतर्गत 1.5 लाख ग्रामीण डाकघर ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए उत्प्रेरक बनेंगे.
- एमएसएमई वर्गीकरण के लिए निवेश सीमा 2.5 गुना बढ़ायी जाएगी, करोबार सीमा दोगुना की जाएगी.
- छोटे उद्योगों को पांच लाख रुपये का क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बजट की तारीफ करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा, “बजट-2025 विकसित और हर क्षेत्र में श्रेष्ठ भारत के निर्माण की दिशा में मोदी सरकार की दूरदर्शिता का ब्लूप्रिंट है. किसान, गरीब, मध्यम वर्ग, महिला और बच्चों की शिक्षा, पोषण व स्वास्थ्य से लेकर स्टार्टअप, इनोवेशन और इन्वेस्टमेंट तक, हर क्षेत्र को समाहित करता यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत का रोडमैप है. इस सर्वसमावेशी और दूरदर्शी बजट के लिए पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई देता हूं. “
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एक्स पर पोस्ट में बजट को विकसित भारत का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार का आम बजट सर्वजन हिताय एवं सर्वजन सुखाय के साथ ही ‘विकसित भारत’ निर्माण के संकल्प की प्रतिबद्धता का प्रतीक है. यह आम बजट सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत के नवनिर्माण को दिशा प्रदान करेगा. इसमें महिला, मजदूर, गरीब, किसान, युवा, व्यापारी, कृषि, मध्यमवर्गीय परिवारों को आर्थिक राहत, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, उद्योग, निवेश और निर्यात समेत सभी क्षेत्रों का विशेष ध्यान रखा गया है. मैं ‘विकसित भारत’ की संकल्पना को चरितार्थ करते इस बजट के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार प्रकट करता हूं और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एवं उनकी पूरी टीम को हार्दिक बधाई देता हूं.”
लिथियम-आयन बैटरी के उत्पादन पर सरकार देगी छूट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लिथियम-आयन बैटरी के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले पूंजीगत सामान पर शुल्क छूट बढ़ाने का प्रस्ताव रखा. इस कदम का मकसद इलेक्ट्रिक वाहनों और मोबाइल फोन में एक प्रमुख घटक लिथियम-आयन बैटरी के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा, ”मैं छूट प्राप्त पूंजीगत वस्तुओं की सूची में ईवी बैटरी विनिर्माण के लिए 35 अतिरिक्त पूंजीगत सामान और मोबाइल फोन बैटरी विनिर्माण के लिए 28 अतिरिक्त पूंजीगत सामान जोड़ने का प्रस्ताव करती हूं.”
वित्त मंत्री ने अपना रिकॉर्ड आठवां लगातार बजट पेश करते हुए कहा कि इससे मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिक वाहनों दोनों के लिए लिथियम-आयन बैटरी के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा. ग्रांट थॉर्नटन इंडिया के भागीदार और वाहन तथा ईवी उद्योग के प्रमुख साकेत मेहरा ने कहा कि लिथियम पर सीमा शुल्क में कमी से भारत में लिथियम-आयन बैटरी के निर्माण के लिए लागत में काफी कमी आएगी. इससे देश के उभरते इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा.
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