Budget 2025: मिथिलांचल की झोली भरने से खुश हैं लोग, जानिए किस चीज की कसक रह गई अधूरी


Agency:News18 Bihar

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Budget 2025: देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के अलग-अलग राज्यों एवं क्षेत्रों को विशेष सौगात दी है. इसमें बिहार का मिथिलांचन भी शामिल है. मिथिलांचल को मखाना बोर्ड के साथ पश्चिमी कोसी नहर परियोजना की स…और पढ़ें

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हाइलाइट्स

  • मिथिलांचल को मखाना बोर्ड और कोसी नहर परियोजना की सौगात मिली.
  • वित्तमंत्री ने मिथिला पेंटिंग युक्त साड़ी पहनकर नारियों का हौसला बढ़ाया.
  • स्थानीय तालाबों और शिक्षा पर भी ध्यान देने की जरूरत है.

नालंदा. देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज लगातार 8 वीं बार बजट पेश कर रही थी. इस दौरान उन्होंने देश के अलग-अलग राज्यों एवं क्षेत्रों को विशेष सौगात दी है. मिथिलांचल भी इसी में से एक है.
मिथिलांचल को मिल रही इस सौगात से जहां एक और बिहार का उत्तरी हिस्सा खुश हो उठा है, वहीं कुछ चीजें ऐसी भी है, जिन्हें लेकर मन में थोड़ी कसक रह गई है. मिथिलांचल को क्या मिला और उससे किस तरह का फायदा देखने को मिलेगा, आसान भाषा में एक्सपर्ट से समझने का प्रयास करते हैं. आरके कॉलेज मधुबनी के पूर्व अंग्रेजी विभागाध्यक्ष और लेखक जेपी सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार ने मिथिलांचलन को इस बार बड़ी सौगात दी है.

पश्चिमी कोसी नहर परियोजना की सौगात मिलने से मिथिलांचन के किसान बेहद खुश हैं. इससे किसानों में खुशहाली आएगी और बाढ़ जैसी भीषण समस्या से निपटने में भी सहायक होगा. इस परियोजना से 50 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि में खेती करने वाले किसानों को सीधा फायदा होगा.

वेस्ट केनाल प्रोजेक्ट के रूप में मिली बड़ी सौगात

आरके कॉलेज मधुबनी के अंग्रेजी के पूर्व  विभागाध्यक्ष 92 वर्षीय जेपी सिंह ने बताया कि एक समय अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में कोसी को तोहफा दिया गया था. हालांकि वह तोहफा नहीं बल्कि कोसी क्षेत्र के लोगों की अपनी मांग थी, जिसे सुना गया. आज फिर इस सरकार ने वेस्ट केनाल प्रोजेक्ट्स के नाम से मिथिलांचल वासियों को बड़ी सौगात दी है. उनके अनुसार,जो बोर्डिंग के पानी का स्तर रहता है, उससे उर्वरा शक्ति में कमी देखी जा सकती है. वहीं केनाल के जरिए सप्लाई किए गए पानी से उर्वरा क्षमता में मजबूती मिलती है. इसलिए, यह योजना यहां के किसानों एवं उनके दैनिक जीवन-यापन में बड़ा बदलाव लाएगा .हमारे दूसरे एक्सपर्ट मर्चेंट नेवी में कैप्टन और मूल रूप से मधुबनी में समाजसेवा की अलख जगाने वाले के प्रकाश मिश्रा बताते हैं कि कोशी के इस प्रोजेक्ट से मिथिलांचल उन्नत करेगा.

वित्तमंत्री ने मिथलांचन की नारियों का बढ़ाया मान

वित्तमंत्री जब आज बजट सत्र के लिए संसद पहुंची तो इस दौरान उन्होंने मिथिला पेंटिंग युक्त साड़ी पहनी थी. जिसपर मछली की कलाकृति देखते ही बनती थी. एक्सपर्ट जेपी सिंह बताते हैं कि आज से कई वर्ष पहले भी विश्व के संभ्रांत देशों में मिथिला पेंटिंग की गूंज थी. वित्तमंत्री के इस पहनावा से निश्चित तौर पर यहां के लोगों को खुशी मिली है. वहीं कैप्टन प्रकाश कहते हैं कि इससे मिथिलांचल की नारियों के हौसले में वृद्धि होगी और स्थानीय उत्पाद बनाने के मामले में भी वृद्धि देखने को मिल सकती है. मखाना उत्पाद के बेहतरी पर खुश होते हुए जेपी सिंह कहते हैं कि यह जिस प्रकार का प्रोजेक्ट है, इसके लिए बोर्ड होना आवश्यक है. हम आज भी कहीं जाते हैं तो मखाना अपने साथ लेकर जाते हैं. हमारे यहां का मखाना शुरू से ही ब्रांड रहा है, ऐसे में यह फैसला भी स्वागत योग्य है.

स्थानीय तालाबों पर भी ध्यान देने की है जरूरत

एक्सपर्ट के अनुसार मखाना तो ठीक है, लेकिन स्थानीय तालाबों पर भी सरकार को विशेष ध्यान रखना चाहिए. तालाब की उड़ाही करा दी जा रही है या उसे चोरी-छिपे भर लिए जा रहे हैं, जिससे इसके उत्पादन क्षमता पर भी प्रभाव देखने को मिलता है. ऐसे में जरूरी है कि इन चीजों का विशेष ध्यान रखा जाए. वहीं कैप्टन प्रकाश के अनुसार यहां शिक्षा के स्तर के बारे में भी सरकार को सोचना चाहिए. खासकर तकनीक से जुड़ी शिक्षा, मेडिकल एजुकेशन के अलावा अच्छा शैक्षणिक वातावरण विकसित करना चाहिए, जिससे यहां के युवा भी महानगरों के युवाओं की बराबरी कर सके. ऐसे में एक्सपर्ट्स की बात और वित्तमंत्री के हिसाब-किताब दोनों की कहानी में मिथिलांचल का फायदा दिख रहा है. उम्मीद है कि कुछ और मुद्दों पर सरकार ध्यान दे रही होगी, जिसका असर आगे आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा.

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मिथिलांचन के लिए सरकार ने खोला खजाना, जानें किस चीज की रह गई कसक



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