BYJUs Crisis Edtech Start-Up Byjus Facing A Financial Crisis Know What All Wrong Has Been Happening At BYJUS Details Here
नई दिल्ली:
Byju’s Crisis: देश की सबसे बड़ी एडटेक कंपनी Byju’s लंबे समय से संकट में हैं. एडटेक फर्म को लिए पिछला साल दुर्भाग्यपूण रहा. BQ PRIME की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के सामने प्रमुख निवेशकों द्वारा वैल्यूएशन में कटौती से लेकर रीपेमेंट कंडीशन पर ऋणदाताओं के साथ कानूनी लड़ाई, छंटनी, वित्तीय नतीजे जारी करने में हुई देरी और फंड की कमीं के चलते कंपनी के आईपीओ के अटकने जैसी कई मुश्किलें सामने आई.
इस सभी मामलों के चलते कंपनी लगातार विवादों में रही. जिससे एडटेक फर्म के लिए फंड जुटाना मुश्किल हो गया. इस वजह से कंपनी के वैल्यूएशन में और कटौती हो सकती है. पिछले राउंड में कंपनी का वैल्यूएशन आधा गिरकर लगभग 11 बिलियन डॉलर हो गया.
कंपनी के लिए मुश्किलों का दौर करीब एक साल पहले से दिखाई देने लगा था. जब स्टार्टअप्स ने कोरोना महामारी के चलते फंडिग में आई कमीं को देखते हुए लागत में कटौती करना शुरू कर दिया था. इसके बाद जून 2022 में, बायजू द्वारा अधिग्रहीत एडटेक फर्म टॉपर और व्हाइटहैट जूनियर ने 500 नौकरियों में कटौती की घोषणा की. इसको लेकर बायजू ने कहा था कि यह कटौती व्यावसायिक प्राथमिकताओं को फिर से व्यवस्थित करने और लॉन्ग टर्म ग्रोथ के लिए की गई है.
वहीं, सितंबर 2022 में बायजू ने लगभग छह महीने की देरी के बाद आखिरकार पिछले वित्तीय वर्ष के नतीजे जारी किए. कंपनी ने वित्त वर्ष 2021 के लिए भारी नुकसान की घोषणा की. एडटेक की पैरेंट कंपनी Think & Learn Pvt. Ltd ने वित्त वर्ष 2021 में 4,588 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया, जो कि करीब तेरह गुना अधिक था.
अपनी वित्त वर्ष 2021 की वित्तीय नतीजे जारी करने के एक महीने बाद बायजू ने कहा कि वह छंटनी से बचने के प्रयास में लगभग 2,500 नौकरियों में कटौती करेगा. इस दौरान कंपनी ने कहा कि इसकी सर्वोच्च प्राथमिकता मार्च 2023 तक प्रॉफिटिबल होना है.
कंपनी द्वारा फाइनेशियल रिपोर्ट 2021 जारी करने में हुई कई महीनों की चूक के चलते इसपर रेगुलेटर का दवाब बना रहा. इससे कंपनी को अधिक फंडिग हासिल करने और ग्लोबल टेक्नोलॉजी में गिरावट के कारण आईपीओ के लिए यूएस की कंपनी के साथ मर्जर और एक्विजिशन को पूरा करने में भी देरी का सामना करना पड़ा.