Cabinet Approves Seven Multi-tracking Projects Of Indian Railways – मंत्रिमंडल ने भारतीय रेलवे की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारतीय रेलवे की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान कर दी. इस पर करीब 32,500 करोड़ रूपये का खर्च आयेगा और रेलवे के वर्तमान नेटवर्क में 2339 किलोमीटर जोड़ा जा सकेगा. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
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उन्होंने कहा कि प्रस्तावित परियोजनाएं पूरी तरह से केंद्र पोषित होंगी और इससे भारतीय रेलवे की वर्तमान रेल लाइन क्षमता को बढ़ाने, ट्रेन परिचालन को सुगम बनाने, भीड़भाड़ को कम करने तथा यात्रा को आसान बनाने में मदद मिलेगी. इससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होंगे.
देश के नौ राज्यों के 35 शहरों से जुड़ी इस परियोजना से रेलवे के वर्तमान नेटवर्क में 2339 किलोमीटर जोड़ा जा सकेगा. इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. इस प्रस्तावित परियोजना में गोरखपुर कैंट- वाल्मीकिनगर, सोननगर-अंदल मल्टी ट्रैकिंग परियोजना के दोहरीकरण , नेरगुंडी-बारंग, खुर्दा रोड-विजयानगरम और मुदखेड-मेदचाल के बीच तीसरी लाइन तथा गुंटुर- बीबीनगर तथा चोपन-चुनार के बीच वर्तमान लाइन का दोहरीकरण शामिल है.
वैष्णव ने कहा कि ये रेल मार्ग खाद्यान्न, उर्वरक, कोयला, सीमेंट, लोहा, तैयार इस्पात, कच्चा तेल, खाद्य तेल, चूना पत्थर जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि इन क्षमता उन्नयन कार्यों के परिणामस्वरूप 20 करोड़ टन प्रति वर्ष माल यातायात अतिरिक्त जोड़ा जा सकेगा. ये परियोजनाएं बहुस्तरीय सम्पर्क को बढ़ावा देने के लिए पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान से जुड़ी हैं.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)