CAG Raised Questions Regarding The Udaan Yojana Number Of Passengers Decreased In 2022-2023 – उड़ान योजना को लेकर CAG ने उठाए सवाल, 2022-2023 में कम हुई यात्रियों की संख्या
CAG ने केंद्र सरकार की एक और योजना पर सवाल खड़ा किया है. कैग की तरफ से पहले बताया गया कि सरकार की आयुष्मान योजना में कुछ घपले हुए हैं. फिर बताया गया कि द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में अधिक पैसे खर्च हुए हैं. अब कैग ने सिविल एवीएशन की महत्वाकांक्षी उड़ान योजना को लेकर भी बहुत सारे सवाल उठाया है. भारत सरकार के महत्वपूर्ण उड़ान योजना को लेकर कैग ने अपनी रिपोर्ट जारी की है .
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ये रिपोर्ट बताती है कि योजना की रफ्तार वो नहीं है जिसकी बात की जा रही थी . रिपोर्ट के मुताबिक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना के तहत कुल 774 रूट में से सिर्फ मार्च दो तीन तक 22.8 प्रतिशत यानी 174 रूट पर ही उड़ान की शुरुआत हुई है.
इस योजना के तहत कुल 169 एयरपोर्ट, हेलिपोर्ट वॉटरएयर ड्रोम का निर्माण या पुनर्विकसित करना था. जिसमें से 83 का उपयोग ही नहीं हुआ . वहीं 56 यानि कि करीब 40 प्रतिशत का ही उपयोग किया जा रहा है . साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि मुसाफिर भी घटे हैं . 21-22 में 32.9 लाख लोग इस योजना के तहत ट्रेवल किया जो 22-23 में कम होकर 24.9 लाख हो गए . कुशीनगर एरपोर्ट जिसका निर्माण इस योजना के तहत हुए. लेकिन इस बिल्डिंग का मार्च दो हजार बाईस तक उपयोग ही नहीं किया गया . साथ ही एयरपोर्ट के पास स्टेट पलूशन कंट्रोल बोर्ड से जरूरी कंसेंट तो ऑपरेट का सर्टिफिकेट भी नहीं है .
गौरतलब है कि उड़ान योजना का मकसद था कि अलग-अलग शहरों को इस योजना के तहत जोड़ा जाए. रिपोर्ट के अनुसार 200 किलोमीटर से कम 26 रुट पर परिचालन की शुरुआत हुई लेकिन 3 साल बाद अब उस रुट पर मात्र 2 एयरलाइन ही सर्विस दे रही है. इसी तरह 100 से 400 किलोमीटर की दूरी वाले मार्ग पर 96 में से 12 चल रहे हैं.
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