Can nuclear bombs be used against terrorists know what are the international rules regarding this
आतंकवाद दुनियाभर के लिए एक वैश्विक समस्या है. लेकिन क्या आपके मन में कभी ये सवाल आता है कि जब आतंकवाद इतनी बड़ी समस्या है, तो कोई भी देश क्यों नहीं परमाणु बम से आतंकी कैंपों को हमेशा के लिए उड़ा देता है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों आतंकियों के खिलाफ परमाणु बम का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
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कितने देशों के पास परमाणु बम
सबसे पहले ये जानते हैं कि कितने देशों के पास परमाणु बम मौजूद है. बता दें कि दुनिया में 9 देशों के पास परमाणु हथियार है. इन देशों में अमेरिका, रूस, इंग्लैंड, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजराइल शामिल है. इसमें सबसे ज्यादा परमाणु हथियार रूस और अमेरिका के पास है. रूस के पास 5580 परमाणु हथियार और अमेरिका के पास 5044 परमाणु हथियार है. बता दें कि कुल मिलाकर पूरी दुनिया के पास 12,121 परमाणु हथियार हैं, जिनमें 90% हिस्सा रूस और अमेरिका के पास है.
आतंकियों के खिलाफ परमाणु हथियार का इस्तेमाल
बता दें कि परमाणु बम के इस्तेमाल को लेकर नियम है. संयुक्त राष्ट्र ने परमाणु हथियारों के निषेध की संधि को अपनाया है. दरअसल आतंकवादियों के ख़िलाफ़ परमाणु बम का इस्तेमाल करना मानवता के लिए घातक होगा और अंतरराष्ट्रीय कानून के ख़िलाफ़ है. परमाणु बम सामूहिक विनाश के हथियार हैं. अब अदर कोई देश आतंकियों को निशाना बनाकर हमला करता है, तो जाहिर सी बात है कि उसके आस-पास पर भी इसका असर पड़ेगा, इसलिए इसका इस्तेमाल निषेध है. क्योंकि परमाणु बम का असर सालों साल दिखता है और उस क्षेत्र का सामूहिक विनाश होता है.
परमाणु परीक्षण को लेकर संधि
बता दें कि 5 अगस्त, 1963 को मॉस्को में सीमित परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर अमेरिकी विदेश मंत्री डीन रस्क (1909-94), सोवियत विदेश मंत्री आंद्रेई ग्रोमिको (1909-89) और ब्रिटिश विदेश सचिव एलेक डगलस-होम (1903-95) ने हस्ताक्षर किया था. हालांकि फ्रांस और चीन को समझौते में शामिल होने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था. इसके अलावा भी कई देश हैं, जो इस संधि पर हस्ताक्षर नही किया है.
क्या आतंकी बना सकते हैं परमाणु हथियार
अब आपको दिमाग में ये भी सवाल आता होगा कि क्या आतंकवादी परमाणु हथियार बना सकते हैं? इसका जवाब है नहीं. दरअसल आतंकियों के पास इतनी तकनीक और वैज्ञानिक क्षमता नहीं है कि वो परमाणु हथियार बना सके. वहीं अगर आतंकियों को परमाणु हथियार बनाने का सूत्र और वैज्ञानिक मिलते हैं, तो भी वो अमेरिका से नहीं बच सकते हैं. क्योंकि अमेरिका सैटेलाइट के जरिए सभी देशों पर नजर रखता है. अमेरिका के अलावा भी रूस, भारत,चीन के एजेंट हर देश में मौजूद रहते हैं.
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