CBSE Class 10th, 12th Board Exam 2024 Pattern Changed From This Year Now No Division No Topper In Cbse Result – CBSE Board Exam 2024: इस साल से बदला सीबीएसई 10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षा का पैटर्न और रिजल्ट का प्रारूप, अब नो डिविजन, नो टॉपर
नई दिल्ली :
CBSE Class 10th, 12th Board Exam Pattern 2024: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE), सीबीएसई 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के लिए पूरी तरह तैयार है. सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं गुरुवार, 15 फरवरी से शुरू हो रही हैं. इन परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के पास फाइनल तैयारी करने के लिए महज दो दिन बचे हैं. इन दो दिनों में छात्रों को विषयों के कॉन्सेप्ट को दोहराने और पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों और सैपल पेपरों की प्रैक्टिक्स करना चाहिए. वहीं सीबीएसई बोर्ड परीक्षा देने जा रहे छात्रों को सीबीएसई बोर्ड परीक्षा नियमों और एग्जाम पैटर्न की भी जानकारी का होनी जरूरी है. इस साल से सीबीएसई ने अपने परीक्षा पैटर्न में कई तरह के बदलाव किए हैं. ये बदलाव प्रश्नों के प्रकार यानी ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव स्तर पर किए गए हैं. बता दें कि इस साल से सीबीएसई ने बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) की संख्या में वृद्धि की है, जबकि वर्णनात्मक प्रकार के प्रश्नों की संख्या कम कर दी है.
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सीबीएसई 10वीं परीक्षा 2024 का पैटर्न
इस साल सीबीएसई बोर्ड 10वीं के प्रश्न में 50 प्रतिशत प्रश्न योग्यता बेस्ड होंगे, केस-बेस्ड प्रश्न और सोर्स बेस्ड इंटिग्रेटेड प्रश्न पूछे जाएंगे. इसके अलावा 10वीं के प्रश्न में 20% प्रश्न बहुविकल्पीय और 30% शॉर्ट एंड लॉन्ग आंसर टाइप वाले प्रश्न होंगे.
सीबीएसई 12वीं परीक्षा 2024 का पैटर्न
सीबीएसई कक्षा 12वीं पैटर्न की बात करें तो इस बार 12वीं में 40% प्रश्न योग्यता आधारित, 20% प्रश्न एमसीक्यू प्रारूप में और 40% में शॉर्ट एंड लॉन्ग आंसर टाइप वाले प्रश्न होंगे.
नो डिविजन, नो पर्सेंटेज
सीबीएसई ने इस साल से बोर्ड परीक्षा पैटर्न के साथ बोर्ड रिजल्ट को भी लेकर बड़ी घोषणाएं की हैं. सीबीएसई ने कुछ महीने यह साफ कर दिया है कि अब से वह सीबीएसई 10वीं, 12वीं रिजल्ट में टॉपरों की घोषणा नहीं करेगा. ना ही अब से वह छात्रों के पर्सेंटेज बताया ना ही ओवर डिविजन और ना ही डिस्टिंक्शन मार्क्स. सीबीएसई ने कहा कि अब वह छात्रों को अब उनके कुल अंकों के आधार पर फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड डिविजन में नहीं बांटेंगा. बोर्ड ने बताया कि 90% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को दी जाने वाली ‘डिस्टिंक्शन’ श्रेणी भी बंद कर दी गई है. बोर्ड किसी भी छात्र के लिए अंकों के ओवरऑल प्रतिशत की गणना नहीं करेगा. उच्च शिक्षा या रोजगार के लिए 10वीं या 12वीं के अंकों का प्रतिशत आवश्यक है, तो उसका कैलकुलेशन प्रवेश संस्थान या नियोक्ता द्वारा किया जाएगा.