Chamunda temple of Aligarh devotees offer bells after their wish is fulfilled


अलीगढ़. भारत सर्वधर्म वाला देश है. यहां लोग अपने-अपने धर्म में आस्था रखते हैं और अपने तरीके से भगवान की पूजा कर अपनी आस्था को व्यक्त करते हैं. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर के मथुरा रोड में खास मंदिर है. दौलता बाग स्थित चामुंडा मंदिर में मां काली की दिव्य प्रतिमा श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है.

प्रतिदिन सुबह और शाम यहां पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना माता पूरी करती हैं. मनोकमना पूर्ण होने के बाद श्रद्धालु घंटा भी चढ़ाते हैं. नवरात्र में नौ दिन तक यहां भजन-कीर्तन और जागरण होता है. साथ ही अखंड ज्योत जलती है.

मन्नत पूरी होने वर घंटा चढ़ाते हैं श्रद्धालु

मंदिर के प्रमुख सेवादार धर्मदास ने लोकल 18 को बताया कि चामुंडा मंदिर 100 साल से ज्यादा पुराना है. यहां उस समय जंगल हुआ करता था. प्राचीन पीपल के पेड़ के नीचे ज्योत उत्पन्न हुई थी, जिसके बाद से यहां श्रद्धालुओं का आना प्रारंभ हो गया. कुछ साल पूर्व ही मां काली की दिव्य प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा हुई थी. प्रतिमा का आकर्षण नयनाभिराम है. श्रद्धालु प्रतिमा का दर्शन करने के बाद भक्ति में डूब जाते हैं. सेवादार सामंता दास और जमुना देवी ने बताया कि मंदिर परिसर में भंडारे का स्थान बना हुआ है, जहां श्रद्धालु भंडारे कराते हैं. साथ ही मनोकामना पूरी होने पर घंटा चढ़ाते हैं. नवरात्र के दाैरान मंदिर में प्रतिदिन भजन-कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है. वहीं सप्तमी को माता की चौकी लगाई जाएगी, जिसमें सुंदर झांकियां भी होंगी और व्रत के भंडारे भी चलेंगे.

नवरात्र में मेले जैसा रहता है माहौल

दौलता बाग चामुंडा मंदिर अलीगढ़ के सासनी गेट चौराहे से मथुरा रोड पर करीब डेढ़ किलोमीटर दूर है. मंदिर के आस-पास खुला स्थान होने के कारण गाड़ियों की पार्किंग की समस्या नहीं होती है. नवरात्र में मंदिर के आस-पास मेले जैसा माहौल रहता है. खासकर नवरात्र के दिनों में श्रद्धालुओं की यहां भारी भीड़ रहती है. मंदिर आने वाले भक्तों में उत्साह रहता है. भक्तों की मनोकामना यहां पूरी होती है. यही बड़ी वजह है जो इस मंदिर में  दूर दूर से  लोग अपनी मनोकामना लेकर आते हैं.

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