Chandrababu Naidu In Jail, His Party Refuses To Contest Telangana Assembly Elections – चंद्रबाबू नायडू जेल में, उनकी पार्टी ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव लड़ने से किया इनकार



7401tri chandrababu naidu twitter Chandrababu Naidu In Jail, His Party Refuses To Contest Telangana Assembly Elections - चंद्रबाबू नायडू जेल में, उनकी पार्टी ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव लड़ने से किया इनकार

पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को कौशल विकास निगम के पैसे का कथित तौर पर दुरुपयोग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वे फिलहाल राजमुंदरी सेंट्रल जेल में बंद हैं.

चंद्रबाबू नायडू ने कथित तौर पर कहा था कि उनके जेल में रहने से नेतृत्व के लिए तेलंगाना में प्रचार करना संभव नहीं हो सकेगा, इसलिए राज्य पार्टी प्रमुख को कैडर को हालात के बारे में बताना चाहिए.

बीजेपी ने तेलंगाना में जन सेना के साथ जाने में रुचि दिखाई है, जबकि आंध्र प्रदेश में जन सेना के साथ हाथ मिलाने पर उसने कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई है. 2024 का चुनाव तेलुगु देशम के साथ लड़ने का ऐलान कर चुकी जन सेना ने चंद्रबाबू नायडू को अजीब स्थिति में डाल दिया है.

तेलुगू देशम पार्टी का तेलंगाना में जनाधार रहा है. इसी के कारण उसने 2014 में 15 सीटें और 2018 के विधानसभा चुनाव में दो सीटें जीतीं. यह अलग बात है कि चुने गए  विधायक बाद में वफादारी बदलकर सत्तारूढ़ दल के साथ चले गए.

तेलंगाना में चंद्रबाबू नायडू के समर्थक इस बात से नाराज हैं कि भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कोई बयान नहीं दिया था और उन्हें हाईटेक सिटी क्षेत्र में नायडू के समर्थन में विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत भी नहीं दी गई थी.

इसके बाद जब कुछ समुदायों ने कहा कि वे अपना वोट बीआरएस के बजाय कांग्रेस को देने पर विचार करेंगे, तो सत्तारूढ़ पार्टी का नेतृत्व चिंतित हो गया और फिर कई नेताओं ने नायडू की गिरफ्तारी के तरीके की निंदा की.

तेलंगाना में बीजेपी का पवन कल्याण से संपर्क महत्वपूर्ण है. जन सेना तेलंगाना में सक्रिय नहीं है लेकिन वहां पवन कल्याण के प्रशंसक हैं. बीजेपी को उम्मीद है कि उनकी घोषणा कि वे तेलुगु देशम के साथ चुनाव लड़ेंगे, से उन्हें नायडू समर्थकों के वोट मिल सकते हैं, या कम से कम कांग्रेस और बीआरएस के वोट कट सकते हैं.

बीआरएस हैट्रिक बनाने के लिए कर रही संघर्ष

तेलंगाना में इस बार सत्ताधारी पार्टी भारत राष्ट्र समिति राज्य में हैट्रिक बनाने के लिए संघर्ष कर रही है. वह उम्मीद कर रही है कि लोग “मंचिगा चेसिंदु, मल्ली वस्थदु (उन्होंने अच्छा किया, वे वापस आएंगे)” के साथ जाएंगे. दूसरी तरफ विपक्ष उम्मीद कर रहा है- “10 समाचरलु इच्छम, मरुस्धाम (हमने 10 साल दिए. आइए बदलें)” होगा.

तेलंगाना में साल 2018 में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने अचानक विधानसभा भंग कर दी थी और उसी दिन अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी. यह घटनाक्रम प्रतिद्वंदियों को आश्चर्य में डालने वाला था. इस बार भी बीआरएस ने अगस्त में ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी.

मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भरोसा जताया है कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों में विजयी होगी और 119 सदस्यीय सदन में 95 से 105 सीटें हासिल करेगी.

तेलंगाना में पूरी ताकत लगा रही बीजेपी

बीजेपी तेलंगाना में पूरी ताकत लगा रही है. उसने वादा किया है कि यदि पार्टी तेलंगाना में सत्ता में आती है तो ओबीसी समुदाय से किसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाएगी.

साल 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में बीआरएस, जिसे पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के नाम से जाना जाता था, ने 119 में से 88 सीटें जीती थीं. इसने कुल वोट शेयर का 47.4 प्रतिशत हासिल किया था. कांग्रेस केवल 19 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी. 

तेलंगाना में 30 नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजे तीन दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

यह भी पढ़ें –

आक्रामक बल्लेबाजी करेंगे : तेलंगाना के चुनाव मैदान में उतरे पूर्व क्रिकेटर अजहरुद्दीन

तेलंगाना में BJP जीती तो मुख्यमंत्री OBC से होगा: गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा दांव



Source link

x