Chandrachud Said That The Supreme Court Deals With Huge Cases Every Day – सुप्रीम कोर्ट रोजाना भारी-भरकम मामलों से…: बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में CJI ने ऐसा क्यों कहा?
नई दिल्ली: देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट रोजाना भारी-भरकम मामलों से निपटता है. चुनाव आते ही अदालत में भारी- भरकम मामलों की संख्या बढ़ने लगती है. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते हैं, न्यायालय राजनीतिक व्यस्तता का केंद्र बन जाता है. हम जज लोग ये समझते हैं. चुनाव खत्म होते ही चीजें थम जाती हैं. ये हमारे समाज की सच्चाई है. मैं इस पर वेल्यू जजमेंट की ओर नहीं देख रहा हूं.
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CJI ने बुधवार के एक मामले का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे पास भारी- भरकम मामला था, जहां एक ओर डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी बहस कर रहे थे और दूसरी ओर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता. जब दोनों ने अपनी दलीलें पूरी कीं तो मैंने अपने सहकर्मियों से कहा कि पारदर्शिता के लिए वहीं फैसला सुनाते हैं. जब मैं आदेश लिखा रहा था तो मैंने देखा कि एसजी अपनी सीट से उठकर डॉ. सिंघवी के पास गए और दोनों बातें करने लगें. मुझे लगा कि वे मेरे बारे में मजाक कर रहे थे कि ये चीफ इतना बड़ा ऑर्डर क्यों लिख रहा है या क्यों लिखा रहा है. यह आपको हमारे पेशे की आवश्यक प्रकृति प्रदान करता है.
CJI ने कहा कि लिंग जाति क्षेत्र की दृष्टि से यह विविधता का पेशा है. यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने देश से परे, अपने आस-पास की दुनिया में देखें, यह महसूस करने के लिए कि हम कितने भाग्यशाली हैं कि हम इस समय भारतीय नागरिक के रूप में पैदा हुए हैं, जब संविधान स्वयं 75वें वर्ष में पहुंच रहा है और सुप्रीम कोर्ट भी बहुत कम समय में ऐसा ही कर रहा है. संविधान हमें बताता है कि या तो हम जीवित रहेंगे या एक साथ नष्ट हो जाएंगे. संविधान और आजादी के बीच एक अटूट रिश्ता है.
CJI चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा संविधान दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे. इस दौरान केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी समेत सुप्रीम कोर्ट के जज और SCBA के पदाधिकारी और कानूनी पेशे से जुड़े लोग उपस्थित रहे.
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