Chandrayaan-3 Mission To Moon IRSO Soft Landing Vikram Lander 10 Point So Far – चांद पर तिरंगा : बस कुछ घंटों का इंतजार, इतिहास रचने को चंद्रयान-3 तैयार; पूरी दुनिया की टिकी नजरें



0hrs7a18 chandrayaan3 moon Chandrayaan-3 Mission To Moon IRSO Soft Landing Vikram Lander 10 Point So Far - चांद पर तिरंगा : बस कुछ घंटों का इंतजार, इतिहास रचने को चंद्रयान-3 तैयार; पूरी दुनिया की टिकी नजरें

नई दिल्ली:
भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 कुछ ही घंटों में इतिहास रचने वाला है. चंद्रयान-3 बुधवार (23 अगस्त) की शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग करते ही इतिहास रच देगा. ऐसे करते ही भारत दुनिया का पहला देश होगा जो चांद के दक्षिणी ध्रुवी क्षेत्र पर पहुंचेगा. कुछ दिन पहले इस कोशिश में रूस का लूना-25 नाकाम हो चुका है. ऐसे में भारत के चंद्रयान-3 मिशन की अहमियत बढ़ गई है. पूरी दुनिया की निगाहें इस मिशन पर है. चंद्रयान-3 की सफलता के लिए देश में पूजा और प्रार्थनाओं का दौर भी चल रहा है.

Chandrayaan-3 मिशन की 10 खास बातें:-

  1. चंद्रमा पर उतरने से दो घंटे पहले, लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा पर स्थितियों के आधार पर यह तय करेंगे कि उस समय इसे उतारना उचित होगा या नहीं. इसके लिए इसरो ने रिजर्व डे रखा है. अगर कोई भी फैक्टर तय पैमाने पर नहीं रहा, तो लैंडिंग 27 अगस्त को कराई जाएगी.

  2. चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग में 15 से 17 मिनट लगेंगे. इस ड्यूरेशन को ’15 मिनट्स ऑफ टेरर’ यानी ‘खौफ के 15 मिनट्स’ कहा जा रहा है. अगर चंद्रयान-3 मिशन सफल होता है, तो भारत चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडर उतारने वाला पहला देश बन जाएगा.

  3. चंद्रयान 3 को 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2.30 बजे चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया गया. अगर चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता मिली तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा.

  4. चंद्रयान-3 मिशन को पूरा करने में 700 करोड़ रुपये से भी कम लागत आई है. ये मिशन 615 करोड़ रुपये में फाइनल हो गया है. ये रकम हाल ही में रिलीज हुई फिल्म Oppenheimer के बजट से भी कम है. Oppenheimer फिल्म बनाने में करीब 830 करोड़ रुपये की लागत आई. वहीं, फिल्म Barbie तो चंद्रयान 3 की लागत से करीब दोगुने 1200 करोड़ रुपये में बनी है. 

  5.  चंद्रयान की सफल लैंडिंग के लिए देश भर में दुआओं और प्रार्थनाओं का दौर जारी है. इसी कड़ी में मंगलवार को उत्तर प्रदेश के संगम नगरी प्रयागराज में लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर में सामूहिक सुंदरकांड का पाठ किया गया. साथ ही बजरंगबली से चंद्रयान की सफल लैंडिंग में आने वाली हर एक बाधा को दूर किए जाने की प्रार्थना की गई. वहीं, दिल्ली-लखनऊ में पूजा और प्रार्थना का दौर जारी है. मस्जिदों में भी मिशन की कामयाबी की दुआएं मांगी गई.

  6. चंद्रयान-3 का दूसरा और फाइनल डीबूस्टिंग ऑपरेशन रविवार रात 1 बजकर 50 मिनट पर पूरा हुआ था. इसके बाद लैंडर की चंद्रमा से न्यूनतम दूरी 25 किलोमीटर और अधिकतम दूरी 134 किलोमीटर रह गई है.

  7. चंद्रयान-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं. लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे और 14 दिन तक वहां प्रयोग करेंगे. प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा.

  8.  चंद्रयान-3 के चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग बड़ी अहम मानी जा रही है. इस मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा कि चांद की सतह पर भूकंप कैसे आते हैं. यह चंद्रमा की मिट्टी का अध्ययन भी करेगा.

  9. चंद्रयान-2 से सबक लेकर चंद्रयान-3 में कई सुधार किए गए हैं. लक्षित लैंडिंग क्षेत्र को 4.2 किलोमीटर लंबाई और 2.5 किलोमीटर चौड़ाई तक बढ़ा दिया गया है. चंद्रयान-3 में लेजर डॉपलर वेलोसिमीटर के साथ चार इंजन भी हैं, जिसका मतलब है कि वह चंद्रमा पर उतरने के सभी चरणों में अपनी ऊंचाई और अभिविन्यास को नियंत्रित कर सकता है.

  10. चंद्रयान-3 के जरिए भारत बुधवार को इतिहास रचने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग के वक्त ISRO से वर्चुअली जुड़ेंगे. पीएम इस वक्त 22 से 24 अगस्त तक आयोजित होने वाले 15वें ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका में हैं.



Source link

x