Chariot Wheels Of Lord Jagannath, Balabhadra And Goddess Subhadra Will Enhance The Beauty Of Puri Railway Station – भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथ के पहिए बढ़ाएंगे पुरी रेलवे स्टेशन की शोभा
नई दिल्ली:
भारतीय रेलवे प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान बनाए जाने वाले तीनों रथों का एक-एक पहिया प्राप्त करेगा और उन्हें पुरी रेलवे स्टेशन के कॉनकोर्स के मध्य में स्थापित किया जाएगा. इस स्टेशन का अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकास किया जा रहा है.
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रथ बनाने वाले प्रमुख वास्तुकारों में से एक मनोजय रथ ने बताया, ‘‘हर साल रथयात्रा समाप्त होने के बाद तो तीन रथों को विखंडित कर उनकी लकड़ी का उपयोग मंदिर की रसोई में ‘कोठा भोग’ (देवताओं के लिए व्यंजन) पकाने के लिए किया जाता है.”
उन्होंने बताया, ‘‘ लेकिन भारतीय रेलवे हमारे डिजाइन के अनुसार इस साल जून के अंत या जुलाई की शुरुआत में होने वाली आगामी रथ यात्रा के बाद तीनों रथों में से प्रत्येक से एक पहिया खरीदेगा और इन्हें विश्वस्तरीय बनने जा रहे पुरी रेलवे स्टेशन में स्थापित करेगा.”
पुरी रेलवे स्टेशन देश के उन 1,321 स्टेशन में से एक है, जिन्हें अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विश्व स्तरीय यात्री सुविधाएं प्रदान करने के लिए पुनर्विकसित किया जा रहा है. इस स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य जुलाई, 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है.
स्वीकृत की गई डिजाइन के मुताबिक तीन पहियों को पुरी रेलवे स्टेशन के कॉनकोर्स में रखा जाएगा. रेलवे स्टेशन या हवाई अड्डे के बाहर विशाल हॉल या खाली स्थान को कॉनकोर्स कहते हैं.
एक अन्य वास्तुकार प्रतीक रथ ने बताया, ‘‘ रथ यात्रा के लिए हर वर्ष तीनों अराध्यों(भगवान जगन्नाथ, उनके भाई भगवान बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा) के लिए लकड़ी के विशाल रथ बनाए जाते हैं जिन्हें भक्त खींचकर गुंडिचा मंदिर तक ले जाते हैं और वहां एक सप्ताह रहने के बाद रथ दोबारा जगन्नाथ मंदिर लाए जाते हैं.”
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)