ChatGPT-Maker CEO Sam Altman Meets PM Modi, Discusses Global Regulation For AI
नई दिल्ली:
चैटजीपीटी (ChatGPT) बनाने वाली कंपनी ओपनएआई (OpenAI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैम अल्टमैन ने गुरुवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और आर्टिफिशियल इंटेलेजेंस ( AI) के नियमन पर चर्चा की. आईआईआईटी दिल्ली के एक सत्र के दौरान ऑल्टमैन ने बताया कि उन्होंने देश के सामने मौजूद अवसरों और एआई में देश को क्या करना चाहिए, इस बारे में चर्चा की.
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ऑल्टमैन इस सप्ताह छह देशों के दौरे पर हैं. भारत के अलावा वह इज़राइल, जॉर्डन, कतर, संयुक्त अरब अमीरात और दक्षिण कोरिया में जाएंगे. ऑल्टमैन ने कहा, “हमने वैश्विक नियमन के बारे में सोचने की जरूरत भी महसूस की, जो कुछ नुकसान होने से रोक सकता है.”
ऑल्टमैन ने कहा कि उनकी कंपनी वर्तमान में स्व-नियमन कर रही है.
ऑल्टमैन ने कहा कि हमने GPT जारी करने से पहल लगभग 8 महीने बिताए हैं यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह पर्याप्त सुरक्षित है. हमने प्रौद्योगिकी का निर्माण किया है, और हमने संगठनों के साथ मिलकर यह पता लगाने के लिए काम किया है कि सीमाएं क्या होनी चाहिए और उन सभी का परीक्षण किया . हमें लगता है कि समन्वय महत्वपूर्ण है इसलिए स्व-नियमन महत्वपूर्ण है. यह कुछ ऐसा है जिसे हम पेश करना चाहते हैं. दुनिया को पूरी तरह से कंपनियों के हाथों में नहीं छोड़ा जाना चाहिए.
भारत के लिए अपनी योजना के बारे में बात करते हुए, ऑल्टमैन ने कहा कि वह भारत में सबसे पहले स्टार्टअप्स को फंड देंगे. उन्होंने कहा, “हम भारतीय स्टार्टअप्स की गुणवत्ता की वजह से हमेशा चकित हुए और काफी आभारी भी महसूस किया,” उन्होंने कहा कि वह भारत में कुछ स्टार्टअप्स से मिले थे. भारत के मजबूत आईटी उद्योग और डेटा के एक बड़े सेट को देखते हुए, एआई-आधारित यूटिलिटीज के लिए देश में बड़ी क्षमता है जिसका लाभ उठाया जा सकता है. हालांकि, AI अभी भी अपने शुरुआती चरण में है.
पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा, “जानकारीपूर्ण बातचीत के लिए धन्यवाद @sama . भारत के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने में एआई की क्षमता वास्तव में विशाल है और वह भी विशेष रूप से युवाओं के बीच. हम उन सभी सहयोगों का स्वागत करते हैं जो हमारे नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए हमारे डिजिटल परिवर्तन को गति दे सकते हैं.”
सरकार ने इस साल फरवरी में नैसकॉम के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा था कि भारत में एआई के जरिए कुल रोजगार लगभग 416,000 पेशेवरों का है. सेक्टर की ग्रोथ रेट 20-25 फीसदी रहने का अनुमान है. इसके अलावा, एआई से 2035 तक भारत की अर्थव्यवस्था में अतिरिक्त 957 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान करने की उम्मीद है.