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हर भारतीय छात्र बैचलर्स या मास्टर्स की डिग्री लेने विदेश जाना चाहता है, लेकिन करोड़ों खर्च करने की स्थिति में नहीं हैं. ऐसे में आपके पास दो विकल्प हैं. एक तो ये कि जमकर मेहनत करें और स्कॉलरशिप पाने की कोशिश करें और दूसरा ये कि कम फीस वाले देशों का रुख करें. इस लेख में हम आपको ऐसे देशों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आप सस्ते में पढ़ाई कर सकते हैं.
जर्मनी
जर्मनी में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए शिक्षा का खर्च बहुत कम है, खासकर पब्लिक यूनिवर्सिटीज में. यहां अधिकांश सरकारी विश्वविद्यालयों में ट्यूशन फीस नहीं ली जाती है, जिससे यह भारतीय छात्रों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनता है. मास्टर डिग्री के लिए कुछ फीस हो सकती है, लेकिन वह भी अपेक्षाकृत कम होती है. रहने-खाने का खर्च लगभग 70,000 से 80,000 रुपये प्रति माह होता है, जिसे पार्ट-टाइम काम करके कवर किया जा सकता है.
मलेशिया
मलेशिया भी एक लोकप्रिय और सस्ता अध्ययन स्थल है. यहां बैचलर्स की पढ़ाई की लागत 1 लाख से 4.5 लाख रुपये तक होती है, जबकि मास्टर्स की फीस 4 से 9 लाख रुपये सालाना हो सकती है. रहने-खाने का खर्च भी काफी कम है, जो कि लगभग 36,000 से 64,000 रुपये प्रति माह होता है. इसके अलावा, मलेशिया में भारतीय छात्रों के लिए नौकरी के कई अवसर उपलब्ध हैं.
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फ्रांस
फ्रांस यूरोप में एक प्रमुख अध्ययन स्थल माना जाता है. यहां बैचलर्स की फीस 2 से 8.5 लाख रुपये सालाना और मास्टर्स की फीस 9 से 15 लाख रुपये के बीच होती है. हालांकि रहने-खाने का खर्च थोड़ा अधिक हो सकता है, जो कि एक से डेढ़ लाख रुपये प्रति माह तक पहुंच सकता है. फ्रांस में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और सांस्कृतिक अनुभव दोनों मिलते हैं.
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डेनमार्क
डेनमार्क में शिक्षा प्रणाली विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है और यहां बैचलर्स की फीस 5 से 14 लाख रुपये तक होती है. मास्टर डिग्री के लिए यह शुल्क 9.5 से 20 लाख रुपये तक हो सकता है. डेनमार्क में स्कॉलरशिप उपलब्ध हैं, जो ट्यूशन फीस को काफी हद तक कम कर सकती हैं. रहने का खर्च लगभग 80,000 से एक लाख रुपये प्रति माह होता है.
नार्वे
नॉर्वे को भी सस्ते अध्ययन स्थलों में शामिल किया जा सकता है, क्योंकि यहां पब्लिक यूनिवर्सिटीज में सभी छात्रों के लिए शिक्षा मुफ्त होती है. बैचलर्स की फीस लगभग 6.3 से 9.1 लाख रुपये और मास्टर्स की फीस 9.1 से 17.2 लाख रुपये सालाना हो सकती है. रहने का खर्च लगभग 80,000 से 90,000 रुपये प्रति माह होता है. इन देशों में पढ़ाई करना भारतीय छात्रों के लिए न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित हो सकता है, बल्कि उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और विविध सांस्कृतिक अनुभव भी प्रदान करता है.
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